आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि चीनी लोन एप वसूली मामले में दो मार्च को एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें पीड़िता की अश्लील फोटो बनाने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी दीपक कुमार और सुमित से पूछताछ की तो दोनों ने बताया कि एप से लोन लेने के बाद हरप्रीत और पंकज नामक शख्स इसकी रिकवरी के लिए कॉल करते थे। दोनों ने रिकवरी मैनेजर का काम संभाला हुआ था।
पुलिस ने पूछताछ के बाद हरप्रीत और पंकज की लोकेशन का पता किया तो वह हरिद्वार की मिली। इंस्पेक्टर मनोज कुमार व अन्यों की टीम को तुरंत हरिद्वार भेजा गया, जहां से दोनों को दबोच लिया गया। दोनों दिल्ली के उत्तम नगर इलाके के रहने वाले थे। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया। दोनों ने बताया कि चीनी नागरिक अकीरा और एमी के इशारे पर वह लोन लेने वाले लोगों को कॉल कर धमकाते थे। इसके अलावा जिन लोगों की अश्लील तस्वीरे और वीडियो बना ली जाती थीं, उनको भी यह रुपये देने के लिए कॉल करते थे।
इनके मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स से पता चला है कि दोनों चीनी नागरिकों के संपर्क में थे। पुलिस दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं दीपक ने पूछताछ में यह भी बताया कि गैंग को सिमकार्ड दिल्ली के कापस हेड़ा निवासी जितेंद्र उपलब्ध करवाता है। पुलिस ने कापसहेड़ा में छापेमारी कर जितेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया। जितेंद्र ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे भी कोई अन्य शख्स एक्टिवेटेट सिम देकर जाता है। अब पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है। बता दें कि चीनी एप ‘कैश एडवांस’ के झांसे में आकर लोग लोन ले रहे थे। इस एप के जरिये लोगों की बेहद निजी जानकारियां लेकर उनको ब्लैकमेल किया जाता था। माना जा रहा है कि इन लोगों ने चंद ही दिनों में लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी कर ली। आईएफएसओ की टीम इनसे लगाकर पूछताछ मामले की जांच कर रही है।