लखनऊ में अगस्त 2020 में रेलवे अधिकारी की पत्नी और बेटे की सरकारी आवास में हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसका आरोप अधिकारी की बेटी पर लगा था। बताया गया कि उसने ही सोते वक्त मां और भाई को गोली मार दी थी। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। मानसिक रोग को वजह बताते हुए नाबालिग बेटी को मां और भाई की हत्या के आरोप में राहत मिली और उसे जमानत दे दी गई थी।
नाबालिग होने के चलते कुछ ही दिन बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था। मामले में चौंकाने वाला मोड़ इसके एक साल बाद अक्टूबर 2021 में उस वक्त आया जब बेटी ने अपने पिता पर शारीरिक शोषण का केस दर्ज कराया। यानी हत्यारी बेटी खुद दुष्कर्म पीड़िता बन गई और अब इस मामले में एक और चौंकाने वाला टर्निंग प्वाइंट आ गया है। बताया जा रहा है कि पिता के शारीरिक शोषण की वजह से मानसिक रोगी हुई बेटी की बीमारी का फायदा उठाते हुए इसी आधार पर कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली है।
अलीगंज थाना पुलिस ने दिल्ली में तैनात रेलवे के बड़े अधिकारी पर बेटी के शारीरिक शोषण में दर्ज एफआईआर के मामले में दिसंबर में चार्जशीट लगा दी है। इसका पता चलते ही आरोपी ने कोर्ट में बेटी की मानसिक बीमारी का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत ले ली है। मामले के बारे में विस्तार से एडीसीपी प्राची सिंह ने बताया। उन्होंने जानकारी दी कि पीड़िता का आरोप है कि 2013 में जब वह कक्षा तीन में पढ़ती थी, तब से ही उसके पिता उसका शारीरिक शोषण कर रहे हैं।
अगस्त 2020 में पीड़िता के मां-भाई की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी, जिसका आरोप बेटी पर ही लगा था। हादसे के बाद पिता उसे दिल्ली ले गए। बेटी ने आरोप लगाया कि वहां पिता ने उसका फिर से शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। इस दौरान घर पर बुआ भी मौजूद थीं। बुआ ने बचाने की जगह पिता का ही साथ दिया। बुआ जहां परिवार की इज्जत की दुहाई देती रहीं, वहीं पिता जान से मारने की धमकी देकर शोषण करता रहा। किसी तरह बचकर अलीगंज स्थित रिश्तेदार के घर पहुंच कर पीड़िता ने आपबीती बताई। आखिरकार, लखनऊ में अक्टूबर 2021 में पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर उसके पिता के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपी पिता की तलाश में पुलिस टीम ने दिल्ली तक दबिश दी और जांच पड़ताल करने गई थी। वहां पता चला कि पीड़िता की मानसिक बीमारी का लखनऊ के केजीएमयू से लेकर एम्स तक इलाज चला है। इसके बाद संबंधित डॉक्टर से बातचीत कर राय ली गई।
इसमें सामने आया कि पीड़िता की तबीयत जरूर खराब है। मगर, इतने गंभीर आरोपों की बारीकी से जानकारी देने से साफ है कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। पीड़िता के डॉक्टरी परीक्षण कराने से मना करने के बाद जांच और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट लगा दी गई है। बेटी की इसी बीमारी को आधार बनाकर आरोपी ने अंतरिम जमानत ले ली है। कोर्ट के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बाथरूम का दरवाजा बंद करने पर करता था पिटाई
पीड़िता द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, जब वह कक्षा तीन में पढ़ती थी, तभी से पिता उसको गलत नीयत से छूता था। बड़े होने पर जब उसे गलत होने का अहसास हुआ तो मां से बताया, लेकिन उन्होंने भी अनसुना कर दिया। इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा। मां-भाई की मौत के बाद पिता को एक बार फिर उसका शोषण करने का मौका मिल गया। इसके बाद से वह घर पर इस हालत में रखता कि बता नहीं सकती। वह बाथरूम तक के दरवाजे नहीं बंद करने देता था। बंद करने पर चप्पलों से पिटाई करता था। पीड़िता पर भाई और मां की गोली मारकर हत्या का आरोप लगा था। दोनों के शव संदिग्ध परिस्थिति में मिले थे। घटना के वक्त घर में सिर्फ तीन लोग ही मौजूद थे। लिहाजा, शक है कि बेटी ने ही मां और भाई की हत्या की थी। फिलहाल यह मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है।