सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरदों में उपलब्ध नही दवा और बच्चों के टीके तहसील संवाददाता अवधेश कुमार दुबे

 

खागा/फतेहपुर– खागा सीएचसी हरदो का है जहा एक तरफ योगी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है तो कहीं बुलडोजर चला रही है वही खागा के नजदीक हरदो हॉस्पिटल में छोटे-छोटे बच्चों को लगने वाले टीके उपलब्ध नहीं हैं जबकि सरकार इंद्रधनुष मिशन के तहत दावा कर रही है कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं तथा इंजेक्शन मौजूद जबकि हरदो में लगाए जाने वाले टीके और सिरेंज बाहर से मरीज मेडिकल स्टोर से कर खरीद डॉक्टर को देते तब वाह इंजेक्शन लगाते है वही संगीता महिला कर्मी जो टीका/इंजेक्शन लगाती हैं वह दूर दराज से आने वाले लोगों को यह बताती हैं कि हमारे पास अभी उपलब्ध नहीं है आप बाजार से जाकर के लाएं और हम लगा देंगे जब अस्पताल में इंजेक्शन या दवाएं उपलब्ध नहीं है तो मैडम कहां से मंगवा रही हैं वही दवा वितरण केंद्र में बताया गया कि आप परेशान मत होइए आप केवल सिरेंज बाहर से ले आइए क्योंकि सिरेंज यहां पर नहीं रहती हैं साथ में जो टीका आपको लगवाना है वह भी ले आइए दोपहर में जितने भी मरीज गए उनको 4 टीके में टीका लगाकर 2 टीके लगाकर बताया गया कि अब अगली बार आना तो यह वाले टीके लगवा लेना आखिर यह माजरा समझ में नहीं आता आम जनता जब अपने सवालों का जवाब पूछती है तो यहाँ के कर्मचारी क्रोधित हो जाते हैं और सीधे कहते हैं कि आप लड़ने आए हैं जबकि इनका मनमाना रवैया दूरदराज से आने वाले लोगों के लिए बहुत ही हानिकारक है एक तो गर्मी धूप ऊपर से आने वालों को टीके का ना मिल पाना इंजेक्शन का ना मिल पाना सिरेंज व दवा बाहर से खरीद कर लाना यह सारे चक्कर में इधर से उधर चक्कर लगाना पड़ता है और बहुत से तो ग्रामीण चुपचाप बाहर ही का रास्ता देख कर घर लौट आते हैं प्रश्न यह उठता है कि जब वहीं पर अस्पताल के अधीक्षक जी ऊपर पंखे चला कर आराम से बैठे होते हैं तो नीचे मरीज परेशान क्यों होते हैं एक बच्चे को इंजेक्शन लगवाने आए व्यक्ति ने कहा कि मैं ही आपसे प्रश्न पूछ सकता हूं तो यह भी एक उचित प्रश्न है कि जनता ही सवाल पूछ सकती है और जनता ही पूछ रही है तब आप देख सकते हैं इस मैडम का गुस्सा सातवें आसमान पर है
पूछने पर या भी नहीं बताया कि अस्पताल में दवा मौजूद है कि नहीं यह जनता का सवाल था आखिर इस पर कितने लोग मौन धारण करेंगे क्या इसी के लिए पॉइंट टू की योगी सरकार आई है बुलडोजर चलाने से सब कुछ नहीं होगा हमें तो दवाई चाहिए,?
और यदि सरकार के पास दवाई नहीं है तो जवाब चाहिए और यदि दवाई है और नहीं दी जा रही तो इन कर्मचारियों पर
कार्रवाई होनी चाहिए

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