गैंगरेप कांड के बाद 8 तरीकों को रेप माना गया, बॉयफ्रेंड बरी-शादी की बात झूठी

 

 

एक फैसले में केरल हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी प्रेमी को रिहा कर दिया। प्रेमिका ने उस पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। फिर कैसे बच गया रेप का यह आरोपी

 

ऑर्डर ऑर्डर
केरल की निचली अदालत ने एक पुरुष को अपनी प्रेमिका के साथ रेप करने का दोषी ठहराया। इस मामले में महिला का कहना था कि आरोपी ने उसके साथ शादी करने का वादा कर सेक्स संबंध बनाए। बाद में यह मामला केरल हाईकोर्ट पहुंचा।
इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले को बलात्कार तभी माना जाएगा, जब महिला की इच्छा के विरुद्ध यानी जबरन संबंध बनाया गया हो। इस केस में प्रेमिका की सहमति थी इसलिए इसे रेप नहीं माना जाएगा। आखिरकार इस मामले में फंसा 35 साल का प्रेमी बरी कर दिया गया।

 

क्या है फाॅल्स प्रॉमिस टू मैरी
सर्वोेच्च न्यायालय के वकील निपुण सक्सेना के अनुसार, “अगर महिला अपने लिव-इन पार्टनर या बॉयफ्रेंड के साथ शादी का आश्वासन मिलने पर शारीरिक संबंध बनाती है, तो इसे ‘प्रॉमिस टू मैरी (promise to marry) ‘ कहा गया है। अगर बाद में लड़का, लिव-इन पार्टनर या बॉयफ्रेंड अपने वादे से मुकर जाता है, तो इस परिस्थिति को शादी का झूठा वादा (false promise to marry) के तहत अपराध माना जाता है, जो रेप के दायरे में आता है।” हालांकि आईपीसी की धारा 211 के तहत ऐसे मामलों में झूठा केस बनाने वाली महिला की गलती साबित होने पर 7 साल की सजा भी हो सकती है

 

पुरुषों पर कब लगते हैं इल्जाम
मिडवेस्टर्न यूएस की पुलिस एजेंसी की इस स्टडी में रेप के डिस्पोज्ड केस में से 41% को झूठा करार दिया गया। रेप की इन झूठी शिकायतों को करने वालों में से ज्यादातर महिलाएं समाज के निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर से थीं। बलात्कार के 45 झूठे मामलों को दर्ज कराने के पीछे बदला लेने और लोगों का ध्यान आकर्षित करने की मंशा काम कर रही था।

 

पुरुषों पर कब लगते हैं इल्जाम
मिडवेस्टर्न यूएस की पुलिस एजेंसी की इस स्टडी में रेप के डिस्पोज्ड केस में से 41% को झूठा करार दिया गया। रेप की इन झूठी शिकायतों को करने वालों में से ज्यादातर महिलाएं समाज के निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर से थीं। बलात्कार के 45 झूठे मामलों को दर्ज कराने के पीछे बदला लेने और लोगों का ध्यान आकर्षित करने की मंशा काम कर रही था।

ऐसे आरोपों में अंत ही आखिरी रास्ता साल 2020 में गुरूग्राम के 12वीं कक्षा का छात्र मानव सिंह का सुसाइड सुर्खियों में रहा। सोशल मीडिया पर एक लड़की ने मानव सिंह को सेक्शुअल असॉल्ट का दोषी ठहराया था। इस मामले पर मानव के छोटे भाई ऋषि सिंह का कहना था कि जो गलती उसके भाई ने नहीं कि उसका इल्जाम उस पर नहीं लगाया जाना चाहिए था। ऋषि ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस घटना का विस्तार से जिक्र करते हुए अपने भाई को बेकसूर ठहराया। ऋषि ने यह भी कहा कि उनके भाई का बॉय्ज लॉकर रूम के साथ कोई संबंध नहीं था ।

 

किस गैंगरेप ने गढ़ी रेप की नई परिभाषा,
एडवाेकेट निपुण बताते हैं कि महिला की सहमति या इच्छा के बिना उसके साथ बनाया जाने वाला किसी भी तरह का शारीरिक संबंध कानून की नजर में रेप कहलाएगा।पहले रेप की परिभाषा केवल वजाइनल पेनिट्रेशन तक सीमित थी लेकिन निर्भया गैंगरेप के कांड के बाद जस्टिस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट में बलात्कार की एक व्यापक परिभाषा की मांग रखी गई।
इसे स्वीकारते हुए संसद ने एक अध्यादेश पारित कर रेप की परिभाषा में संशोधन किया गया। नई परिभाषा में ओरल सेक्स, एनल सेक्स,

 

फिंगरिंग प्रकार के 8 तरीकों को रेप माना गया है। महिला को जबरदस्ती किसी के साथ इस तरह की क्रियाओं के लिए विवश किया जाता है, तो यह रेप की परिभाषा के तहत आएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.