राजकीय पालीटेक्निक संस्थाओं में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं को 14 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है जानते है पूरा मामला

लखनऊ, प्रविधिक शिक्षा विभाग उप्र की ओर से संचालित राजकीय पालीटेक्निक संस्थाओं में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं को 14 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। कार्यरत व्याख्याताओं को नियमित करने में भी सरकार भारांक भी नहीं दे रही है। प्रदेश के सभी राजकीय पालीटेक्निक संस्थानों में नियमित स्थायी व्याख्याताओं के आने तक एआइसीटीई के दिशा निर्देश के अनुरूप गठित चयन समिति की ओर से अतिथि व्याख्याताओं को मानदेय पर रखा जाता है।

बीटेक करने वालों को 15000 व एमटेक डिग्रीधारी को 20000 रुपये मानदेय देने के निर्देश हैं। इस समय 1134 अतिथि व्याख्याता कार्यरत हैं। व्याख्याता अपनी सेवा के अस्थायी होने के साथ मानदेय की वृद्धि न होने से हताश और निराश हैं। प्रदेश में व्याख्याताओं के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की आहट से कार्यरत अतिथि व्याख्याता बेरोजगार होने के कगार पर हैं, क्योंकि उन्हें नियमित भर्ती प्राथमिकता नहीं मिलती। जबकि अन्य राज्यों में अतिथि व्याख्याताओं को अनुभव प्रमाणपत्र व भारांक देते हुए उन्हें नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाती है। अतिथि व्याख्याता एसोसिएशन प्राविधिक शिक्षा के अध्यक्ष रजनीश राय ने बताया कि विभाग के अफसरों की मनमानी से व्याख्याताओं को फरवरी 2021 के बाद से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। मानदेय मांगने पर आरोप लगाकर अतिथि व्याख्याताओं को संस्था से निकाल दिया जाता है। प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा अमृत अभिजात ने कहा कि इस मामले में जल्द कार्यवाही की जाएगी।

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