न्यूज़ वाणी
रात का बचा हुआ खाना खाने से कई लोग हुए बीमार
तिन्दवारी-बाँदा। तिंदवारी क्षेत्र के माचा गांव के मजरा रजवा डेरा में शुक्रवार को राजकुमार के बेटे राजेश का वरीक्षा कार्यक्रम था, बचा हुआ रात का खाना शनिवार को सुबह घर वालों और पड़ोसियों ने खाया, खाने के कुछ देर बाद करीब 35 से 40 लोगों को पेट दर्द, दस्त और पलटियां होना शुरू हुआ, लोगों ने आनन फानन में स्थानीय झोला छाप डॉक्टरों को बुला लिया, उनके इलाज से आराम तो हुआ लेकिन शनिवार रात को फिर से तबियत बिगड़ने लगी। रात में बिना इलाज के ही सब के सब कराहते रहे।
रविवार को सुबह 12 से 15 मरीजों की ज्यादा हालत खराब हो गई, उनको एम्बुलेंस व निजी वाहनों से लेकर पीएचसी में भर्ती कराया गया। मरीज गयाप्रसाद के मुताबिक जिनकी हालात थोड़ा ठीक थी उनका इलाज अभी भी बेंदा घाट में करीब 20 लोगों का इलाज झोला छाप डॉक्टरों के यहां किया जा रहा है। फ़ूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए भर्ती 15 लोग में अमित (15) पुत्र रामबरन,
पायल (11) पुत्री रामबरन,
संगीता (35) पत्नी रामबरन, निधि (18) पुत्री गया प्रसाद, गया प्रसाद (55) पुत्र इंद्रपाल, रानी (17) पुत्री राम कुमार, रामकुमार (60) पुत्र इंद्रपाल,
बसंत कुमार (35) पुत्र बुधवा,
निशा (15) पुत्री बसंत कुमार, रीता (17) पुत्री बसंत कुमार, आकाश (9) पुत्र बसंत कुमार
चमेलिया (50) पत्नी रामस्वरूप, शिवप्रताप (34), सियाराम (30), नीतू (19) आदि शामिल हैं। फ़ूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए मरीज गयाप्रसाद, बसन्त, चमेलिया ने पीएचसी में मिले इलाज पर भी असंतोष जताया कहा कि दवाओं के नाम पर कुछ गोलियां देकर चलता कर दिया है। मरीजों को गोलियां देकर पीएचसी की फर्श में लिटा दिया गया है। पेट दर्द, दस्त और पलटियां से आराम अभी भी नही है।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के मुताबिक रात के कार्यक्रम का बचा भोजन सुबह खाने से फ़ूड प्वाइजनिंग हुई है, सभी का इलाज किया गया है। झोलाछाप डॉक्टरों की बात सामने आई है, कार्यवाही की जायेगी।