काउंसलर्स के पास आ रहे 10 में 4 लोग 55+ उम्र वाले यह फैमिली के लिए खतरे की घंटी

 

मध्यप्रदेश के लोगों में पोर्न वीडियो देखने की लत बढ़ती जा रही है। ऐसे वीडियो देखने वालों में उम्रदराज लोग भी शामिल हैं। इसकी जानकारी भोपाल में मनोवैज्ञानिकों और फैमिली काउंसलर से बात करने पर मिली है। उन्होंने बताया कि उनके पास बीते कुछ समय से मोबाइल एडिक्शन और पोर्न वीडियो देखने से जुड़े केस पहुंच रहे हैं।

बीते 6 महीनों में अस्पताल और काउंसलर के पास औसतन 100 में से 40 मामले मोबाइल पर पोर्न देखने की लत से जुड़े आए। चिंता वाली बात ये है कि पोर्न देखने वालों में 55 साल से ज्यादा उम्र के लोग भी शामिल हैं। इसके कारण अधिक उम्र वालों के परिवार में विवाद हो रहे हैं। इस लत को दूर करने के लिए अब फैमिली मेंबर उन्हें डॉक्टरों और काउंसलरों के पास लेकर पहुंच रहे हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन पर बच्चों को इस बीमारी से दूर रखने का जिम्मा है, यदि वे ही इसमें लिप्त हो जाएंगे, तो भविष्य में परिवारों के लिए मुसीबतें बढ़ जाएंगी। इस मामले में आप अपनी राय दे सकते हैं

काउंसिलिंग के लिए ला रहे फैमिली मेंबर
भोपाल की काउंसलर रीता तुली ने बताया कि पिछले दो साल में परिवारों के टूटने व तरह-तरह के विवादों के मामले सामने आ रहे हैं। मोबाइल की लत, पोर्न वीडियो देखने की आदत से परेशान होकर पत्नी व बच्चे शिकायत कर रहे हैं। महीने में आने वाले 50 केस में से 18 से 20 मामले इसी तरह के होते हैं। मोबाइल एडिक्शन के कारण फैमिली में विवाद के 35-40% केस हैं।

भोपाल की ही दूसरी काउंसलर सुषमा शर्मा के अनुसार 55-65 उम्र के ऊपर के लोगों में पोर्न वीडियो देखने की लत बढ़ती जा रही है। कुछ लोगों में ये लत बीमारी का रूप ले चुकी है। इसके साथ ही उनके घरों में विवाद भी बढ़ रहे हैं।

90% केस आते ही नहीं
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के HOD डॉ. जेपी अग्रवाल ने बताया कि टीनएजर व युवाओं के साथ 55+ एज वाले लोगों में पोर्न वीडियो देखने का एडिक्शन बढ़ा है। हर रात 3-4 घंटे ऐसे वीडियो देखे जा रहे हैं। इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ रहा है। कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी इस तरह के केवल 10% केस ही सामने आ रहे हैं। ये वो 10% लोग हैं, जो जागरूक हैं या फिर ज्यादा परेशान हैं। अभी भी 90% लोग तो सामने ही नहीं आ रहे।

नौकरी छूटने के बाद लगी लत
पहली कहानी है महेश कुमार (परिवर्तित नाम) की है। काउंसलर ने बताया कि भोपाल के 57 साल के महेश कुमार की पत्नी शिकायत लेकर आई थीं। उनका कहना था कि महेश प्राइवेट नौकरी करते थे, लेकिन पिछले एक साल से जॉब छूट जाने से घर पर ही हैं। इस कारण मोबाइल में वे ज्यादा समय देने लगे। देर रात तक वीडियो देखने लगे। कुछ महीने पहले ही पता चला कि वे मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखते हैं। उन्हें जब मना किया तो विवाद करने लगे। घर में आए दिन झगड़ा होने लगा। स्वभाव में भी बदलाव आया है।

फैमिली ग्रुप में पोर्न वीडियो शेयर करते हैं बुजुर्ग
दूसरी कहानी है दिनेश कुमार (परिवर्तित नाम) की है। मनोरोग विभाग के HOD डॉ. जेपी अग्रवाल ने बताया कि 63 साल के दिनेश कुमार पिछले दो साल से मोबाइल एडिक्ट हैं। कोरोना के पहले वे बिजनेस देखते थे, लेकिन अब बच्चे ही संभालते हैं। इसलिए अधिकतर समय घर पर ही रहते हैं। इस दौरान मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखने की आदत हो गई। हद तो तब हो गई, जब ये वीडियो फैमिली ग्रुप में शेयर करते हैं। घर वाले उन्हें मना करते हैं, तो वे घर से जाने की धमकी देने लगते हैं।

वीडियो देखने से मना किया तो नहीं माने
तीसरा मामला है 60 साल के मनीष सिंह (परिवर्तित नाम) का है। फैमिली काउंसलर सुषमा शर्मा ने बताया कि एक महीने पहले रायसेन से ऐसा मामला सामने आया था। मनीष सिंह को लॉकडाउन के दौरान मोबाइल में पोर्न वीडियो देखने की लत लग गई। वो वीडियो देखने के बाद पत्नी से अजीब डिमांड करने लगे। वीडियो देखने से मना किया गया, तो नहीं माने। बच्चों की भी बात नहीं मानी। अब उनके स्वभाव में भी बदलाव आया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
साइकेट्रिस्ट डॉ. जेपी अग्रवाल ने बताया कि ऐसे मामले लगातार आ रहे हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह है स्मार्टफोन। इसकी ही एक सब कैटेगरी है, जिसे पोर्न एडिक्शन कहते हैं। वे ऐसी फैंटेसी रियल लाइफ में देखना चाहते हैं। फिर परिवार टूटने तक के स्टेज में चले जाते हैं। पति-पत्नी में विवाद व झगड़े होने लगते हैं। एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशनशिप में वे चले जाते हैं। यह एक बीमारी है, इसका इलाज समय पर लिया जा सकता है।
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