सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कराचीखाना स्थित शाखा में नौ लॉकरों से तीन करोड़ से ज्यादा के जेवरी चोरी का मास्टरमाइंड लाकर इंचार्ज पुलिस के हाथ लगा
न्यूज़ वाणी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कराचीखाना स्थित शाखा में नौ लॉकरों से तीन करोड़ से ज्यादा के जेवरी चोरी का मास्टरमाइंड लाकर इंचार्ज पुलिस के हाथ लगा
कानपुर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कराचीखाना स्थित शाखा में नौ लॉकरों से तीन करोड़ से ज्यादा के जेवरी चोरी का मास्टरमाइंड लाकर इंचार्ज शुभम मालवीय यूं नहीं पुलिस के हाथ आ गया है। कोर्ट में मामला क्वैश कराने के लिए काफी जद्दोजदह के बाद उसे पुलिस के लंगड़ा अभियान का डर सता रहा था। पुलिस की गिरफ्त में आए बैंक प्रबंधक समेत चार आरोपितों की बात पर भरोसा किया जाए तो लाकर से चोरी जेवर का असली राजदार शुभम ही है। मास्टरमाइंड को जेल भेजने के बाद पुलिस को अब 24 घंटे का इंतजार है ताकि कोर्ट में रिमांड दाखिल करके उससे पूछताछ करके राज उगलवाए जा सकें।
क्या था मामला : कराची खाना स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की शाखा में बीते 14 मार्च को श्यामनगर निवासी मंजू भट्टाचार्य के लाकर से 30 लाख रुपये के जेवर गायब मिले थे। इसके बाद 28 मार्च को बिरहाना रोड की सीमा गुप्ता के 20 लाख रुपये के जेवर लाकर से चोरी हो गए थे। मामला दर्ज होने पर पुलिस ने जांच शुरू की तो एक बाद एक पूरे नौ लाकरों से करीब तीन लाख के जेवर चोरी का मामला सामने आ गया। इसमें लाकर मैनेजर, बैंक मैनेजर की भूमिका संदिग्ध थी। 14 मार्च से करीब 200 से ज्यादा लॉकर चेक किए गए।इस तरह खुला मामला : पुलिस की जांच में सामने आया कि लाकर मैनेजर और बैंक मैनेजर ने निष्प्रयोजय लाकरों को खोलने की आड़ में पूरा खेल किया। सीसीटीवी फुटेज में बैंक मैनजर व लाकर मैनजर एक अज्ञात व्यक्ति के साथ लाकर रूम में जाते नजर आए। पहचान के बाद उसे उठाया तो सारा मामला सामने आ गया। पतले तार से मैनेजर ने उन लाकरों का पता किया जिनके अंदर जेवर रखे थे। इसके बाद निष्प्रयोज्य लाकर खोलने के लिए बैंक नियमानुसार समिति बनाई। समिति में शामिल सदस्यों को बुलाए बगैर ही चुपचाप लाकर तोड़े गए। पुलिस ने बैंक मैनेजर रामप्रसाद, करनराज, राकेश एवं रमेश को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। उनके पास से 250 ग्राम जेवरात बरामद किए गए थे। अब पुलिस को मास्टरमाइंड शुभम मालवीय और चंद्रप्रकाश के भाई की तलाश थी।
गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण : रविवार को शुभम मालवीय को पुलिस ने पकड़ा या वह खुद पुलिस के पास पहुंच गया, यह चर्चा का विषय रहा। पुलिस शुभम की गिरफ्तारी की दावा करती रही है, लेकिन चर्चा रही कि वह अपने साथ कई वकीलों को लेकर थाने पहुंचा था। शुभम ने अपने बचाव के लिए खूद हाथ पांव मारे थे। उसने अग्रिम जमानत के अलावा उसने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को क्वैश करने के लिए अदालत की शरण ली थी। इसके बावजूद उसे हाईकोर्ट से कोई राहत मिलती नहीं दिखी तो वह खुद पुलिस के पास पहुंच गया।
डर था गोली मार लंगड़ा कर देगी पुलिस : शुभम मालवीय यूं ही पुलिस की गिरफ्त में खुद ही नहीं पहुंचा। असल में वह पुलिस के लंगड़ा अभियान से डरा हुआ है। उसे डर था कि अगर वह ज्यादा दिनों तक फरार रहेगा तो पुलिस उसके खिलाफ इनाम की घोषणा कर सकती है और उसके बाद उसे लंगड़ा भी किया जा सकता है।
शुभम का रिमांड लेगी पुलिस : पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने बताया, आरोपितों से अभी लंबी पूछताछ की जानी है। कानून बाध्यता के चलते गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर आरोपितों को जेल भेजना होता है। जबकि इस केस से संबंधित तमाम सवालों के जवाब अभी बाकी है। ऐसे में चारों आरोपितों को 10 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसके लिए अदालत में होने वाली प्रक्रिया सोमवार से शुरू कर दी जाएगी।
15 से 20 ज्वैलर्स को बेचा सोना : लाकर से जेवरात चोरी करने के बाद हर शातिर ने अलग-अलग ज्वैलर्स के यहां इन्हें बेचा। आरोपितों से पूछताछ व मुखबिर की सूचनाओं के आधार पर पुलिस को अब तक 15 से 20 ज्वैलर्स के नाम पता चले हैं, जिन्होंने जेवर खरीदे हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब चोरी के जेवरात खरीदने वाले ज्वैलर्स के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई कर सकती है।