एसवीएम प्रबंध समिति के खिलाफ पीड़ित के पिता ने शुरू किया धरना – धरने का माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया समर्थन – सहायक आचार्य पुत्र को प्रताड़ित किए जाने का आरोप, न्याय की लगाई गुहार
फतेहपुर। शहर के वीआईपी रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में सहायक आचार्य रहे आशुतोष बाजपेई का नियम विरूद्ध किया गया ट्रांसफर व कई माह से बकाया वेतन न मिलने से आहत पीड़ित के पिता ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाहर क्रमिक धरना शुरू कर दिया। जिसका समर्थन माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया है। पीड़ित के पिता ने अधिकारियों से न्याय दिलाए जाने की गुहार लगाई है।
क्रमिक धरने पर बैठे सहायक आचार्य आशुतोष बाजपेई के पिता विश्वनाथ बाजपेई निवासी चंदियाना ने बताया कि वह वीआईपी रोड स्थित एसवीएम के संस्थापक सदस्य हैं और पूर्व में कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह सरस्वती शिशु मंदिर चौक के प्रबंधक भी रहे हैं। उनके पुत्र आशुतोष बाजपेई की नियुक्ति सन 1999 में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में सहायक आचार्य पद पर हुई थी। तब उन्होने विद्यालय प्रबंध समिति के पद से त्याग पत्र दे दिया था। आशुतोष ने अपनी नियुक्ति के समय से आरएसएस ज्वाइन करके आईटीसी एवं ओटीसी का प्रशिक्षण लिया। माह नवंबर से दिसंबर 2021 के बीच उत्पीड़न करने के उद्देश्य से बिना किसी कारण पुत्र का कन्नौज ट्रांसफर कर दिया गया। कन्नौज के प्रबंधक ने ज्वाइन नहीं कराया और पुनः उरई जालौन ट्रांसफर कर दिया। जबकि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 तथा वित्तविहीन नियमावली में वित्तविहीन विद्यालयों में किसी अध्यापक/प्रधानाचार्य का ट्रांसफर का कोई नियम नहीं है। पीड़ित के पिता ने बताया कि नवंबर माह से अब तक कोई वेतन भी नहीं दिया गया है और उपस्थिति रजिस्टर में नाम भी काट दिया है। जोकि सेवा समाप्ति के समान है। बताया कि पुत्र प्रतिदिन विद्यालय जा रहा है। आशुतोष ने नियमावली के अंतर्गत सक्षम अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक फतेहपुर से 25 फरवरी 2022 को अपील किया था। प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक ने अपील को जल्द से जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए परन्तु विद्यालय ने आज तक कोई जवाब नहीं दिया। उनका बेटा सामाजिक, मानसिक, आर्थिक रूप से परेशान है। विद्यालय स्वयं को कानून से ऊपर मान रहा है। इस वजह से उन्हें क्रमिक धरना देने के लिए विवश होना पड़ा। धरने का समर्थन कर रहे माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना रहा कि यदि पीड़ित को न्याय न मिला तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस मौके पर करूणा शंकर मिश्र, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, महेश प्रसाद मिश्र, अलाउद्दीन, सत्य नारायण द्विवेदी भी मौजूद रहे।