घूसखोरी का नशा इतना कि जले नोट वापस भेजे और फिर से मांगी रिश्वत

 

 

राजस्थान बायोफ्यूल अथॉरिटी के सीईओ सुरेंद्र सिंह राठौड़ एसीबी की गिरफ्त में है। उन्हें पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते अधिकारियों ने पकड़ा था। इस केस में राठौड़ से जारी पूछताछ में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि घूसखोर सीईओ को इस बात का लंबे समय से अहसास था कि वो एसीबी की रडार पर है। लेकिन इसके बाद भी वो लगातार काम करने के बदले में घूस ले रहा था।

 

जांच में सामने आया कि सुरेंद्र सिंह को शक था कि कभी भी जयपुर एसीबी उस तक पहुंच सकती है। इसी डर से सुरेंद्र सिंह ने तकरीबन तीन सप्ताह पहले रिश्वत में लिए 20 लाख रुपए को आग के हवाले कर दिया। घटना के कुछ समय बाद सुरेंद्र जब निश्चिंत हो गया की एसीबी अब नहीं आएगी। तो उसने परिवादी के पास अपने दलाल को भेजकर 20 लाख के जले नोटों को वापस पहुंचा दिए।

 

दलाल ने परिवादी को बताया कि साहब ने एसीबी के डर से पैसा जला दिया था। इसलिए उसे रिश्वत की राशि दोबारा से देनी होगी। परिवादी ने दोबारा पैसा देने से इनकार किया तो उस पर दबाव बनाया गया। इससे परिवादी परेशान हो गया। इसके बाद ही एसीबी तक अपनी शिकायत लेकर पहुंचा। एसीबी ने आरोपी सुरेंद्र सिंह राठौड़ को 5 लाख रुपए की पहली किश्त लेते हुए गिरफ्तार किया।

 

बीमारी का बहाना काम नहीं आया
गिरफ्तारी के दिन एसीबी पहले सीईओ सुरेंद्र सिंह का मेडिकल कराने एसएमएस अस्पताल लेकर गई। जहां पर डॉक्टरों ने जांच कर एसीबी के सुपुर्द कर दिया। एसीबी आने तक सुरेंद्र सिंह स्वस्थ था। अचानक से रात को तबीयत खराब होने पर एसीबी उसे कर एसएमएस पहुंची। जहां डॉक्टरों ने जांच कर घबराहट कारण बताया। इसके बाद दवा देकर दोबारा एसीबी के लिए रवाना कर दिया। वहीं, रिमांड अवधि में एसीबी के अधिकारियों के सामने भी सुरेंद्र सिंह भावुक होकर रोने लगा था।

 

जमानत पर होगी आज एसीबी कोर्ट में बहस
एसीबी कोर्ट में आज सुरेंद्र सिंह का वकील जमानत अर्जी पेश करेगा। एसीबी ट्रैप की कार्रवाई और सुरेंद्र सिंह राठौड़ के स्वास्थ्य का हवाला देकर कोर्ट से जमानत मांगी जाएगी। जिस प्रकार से रिकवरी हुई है, करोड़ों के दस्तावेज मिले हैं कोर्ट इतनी जल्दी जमानत नहीं दे सकती है।

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