जिले में महिलाओं पर होने वाले अपराधों (छेड़छाड़, दुष्कर्म व दहेज प्रताड़ना) में पिछले 2 साल में कमी आई है। वजह- पुलिस का फोकस महिलाओं के साथ अपराध करने वालों काे सजा दिलाने और आरोपियों को पकड़ने पर था। आरोपी पकड़े गए और सजा हुई तो महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई।
पिछले साल कोरोना के कारण थानाें तक शिकायतें लेकर कम लोग पहुंच रहे थे, इसके बाद भी पिछले साल की अपेक्षा इस साल जनवरी से मार्च में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए हैं। एसएसपी अमित सांघी ने कहा, महिलाओं के खिलाफ अपराध खासकर छेड़छाड़, रेप, दहेज प्रताड़ना के मामलों की मॉनीटरिंग की गई। इनमें अपराध करने वालों के गिरफ्तारी से लेकर न्यायालय में मामलों को प्रस्तुत करने में गंभीरता बरती गई। पुलिस की सख्ती की वजह से महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए।
ऐसे कम हुए अपराध
जिले की पुलिस ने जनवरी से मार्च तक महिलाओं पर हुए अपराधों का 3 साल का तुलनात्मक अध्ययन किया। छेड़छाड़ के मामले जहां 2020 में 137 थे, 2021 में 116 और 2022 में 64 रह गए। दहेज प्रताड़ना के मामले 2020 में 181, 2021 में 169 और 2022 में 122 रह गए। दुष्कर्म के मामले 2020 में 82 थे। वहीं इस साल 52 रह गए।