महिलाओं को शिक्षा में प्रदान किए जाएं बराबरी के अवसर: डा. प्रशांत – भारत में महिला शिक्षा की मुख्य समस्याएं विषय पर हुई संगोष्ठी

 

फतेहपुर। महिलाओं को भी शिक्षा में बराबरी के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। बेसिक एजूकेशन में लगभग 96 प्रतिशत छात्राएं पंजीकृत होती हैं लेकिन उच्च शिक्षा तक आते-आते यह प्रतिशत घटकर लगभग चालीस प्रतिशत ही रह जाता है।
यह बात बुधवार को शहर के डा. बीआरए राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सामाजिक सरोकार समिति के तत्वाधान में भारत में महिला शिक्षा की मुख्य समस्याएं विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा. प्रशांत द्विवेदी ने कही। उन्होने कहा कि ड्रॉपआउट के कारण सिर्फ 3 प्रतिशत महिलाएं आत्मनिर्भर हो पाती हैं। स्टार्टअप में भी महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 9 प्रतिशत है इसलिए आवश्यक है कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को समान अवसर के लिए शिक्षा और विशेषकर रोजगारपरक उच्च शिक्षा में भी समान अवसर दिए जाएं। सामाजिक सरोकार समिति की सदस्य डॉ शोभा सक्सेना और डॉ. लक्ष्मीना भारती ने छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। कार्यक्रम की मुख्य संचालक समिति प्रभारी उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. ज़िया तसनीम रहीं। जिन्होंने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की साथ ही संचालन का दायित्व भी निभाया। इस प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक करना और उन्हें सशक्त बनाना है। धन्यवाद ज्ञापन समिति की सक्रिय सदस्य संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. चारु मिश्रा ने किया। इस अवसर पर डॉ. सरिता गुप्ता, डॉ. शकुंतला, रमेश सिंह, डॉ. प्रतिमा गुप्ता, डॉ. मीरा पाल, डॉ उत्तम कुमार, डॉ ज्योति कुमारी, बसंत कुमार, अनुष्का छौंकर, राज कुमार, अशोक कुमार कश्यप सहित महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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