समय से पहले तेजी गर्मी और कुछ राज्यों में आंधी के साथ बेमौसम बारिश ने आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसके चलते हापुस, दशहरी और केसर, तीनों प्रमुख आम की पैदावार करीब आधी रह सकती है। सीजन के शुरुआती दौर में इसके संकेत मिलने लगे हैं। आवक बेहद कम है, लिहाजा दाम पिछले साल से करीब डेढ़ गुना हैं।
देशभर की थोक कृषि मंडियों से बिक्री के डेटा जुटाने वाले सरकारी पोर्टल एगमार्कनेट के मुताबिक, इस माह अब तक देशभर में हर तरह के आम के औसत दाम पिछले साल से 42% ज्यादा हैं। थोक मंडियों में रत्नागिरी की एक पेटी (10 किलो) आम की औसत कीमत अभी 1,200-1,500 रुपए है, जबकि पिछले साल इस समय दाम 700-800 रुपए थे।
दिल्ली के थोक व्यापारियों के मुताबिक, अभी पिछले साल के मुकाबले मोटे तौर पर 10 गुना कम आम की आवक हो रही है। इसके चलते दाम बढ़ गए हैं। हापुस काफी महंगा बिक रहा है। औरंगाबाद के उत्कर्ष कृषि के निदेशक अभय आचार्य ने कहा, ‘हापुस के भाव वजन के हिसाब से होते हैं। सबसे ज्यादा डिमांड 275-325 ग्राम आम की है। इनके दाम अभी औसतन 200 रुपए प्रति दर्जन ज्यादा हैं।’
दशहरी की फसल 60% कम उतरेगी
दशहरी आम के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी से आम की फसल बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। मैंगो ग्रोअर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट इंसराम अली ने बताया कि इस साल 60% कम बौर आए। समय से पहले प्रचंड गर्मी की वजह से बड़े पैमाने पर आम के छोटे फल सूखकर झड़ भी गए। ऐसे में दशहरी जैसे आम का कुल उत्पादन पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम रह सकता है।
हापुस की सप्लाई 60% घटने की आशंका
कोंकण (महाराष्ट्र) के हापुस उत्पादक किसानों के मुताबिक, इस साल ज्यादा गर्मी के कारण कच्चे आम गिर रहे हैं। इसके चलते बाजार में सिर्फ 35-40 फीसदी फल उपलब्ध होंगे। सिंधुदुर्ग जिले के आम कारोबारी केवल खानविलकर ने कहा कि 1-2 दिसंबर को लगातार 30 घंटे बारिश हुई थी। उसके बाद आठ दिन तक तेज हवा चलती रही।
खराब मौसम से गुजरात का केसर बर्बाद
तूफान और बेमौसम बारिश से गुजरात में केसर आम की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। गिर जिले के किसानों का कहना है कि इस साल बमुश्किल 15-20% उत्पादन हो पाएगा क्योंकि 50-60% पेड़ों पर ही बौर आया है। तालाला मंडी (एपीएमसी) के सेक्रेटरी हरसुखभाई जारसाणिया ने कहा कि इस साल आम का बौर दो महीने तक रहा, लेकिन ये फल में तब्दील नहीं हो पाए। चने जितने आकार के फल सूख कर झड़ गए। उत्तर प्रदेश में भी तेज गर्मी से बड़े पैमाने पर आम की फसल प्रभावित हुई है।