यूपीयूएमएस में डा0 भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयन्ती मनाई गई

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यूपीयूएमएस में डा0 भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयन्ती मनाई गई

ब्यूरो संजीव शर्मा

इटावा / सैफई उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में भारत रत्न बोधिसत्व डॉ भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयंती मनायी गयी। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव ने किया। कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डा0 एस0पी0 सिंह, रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा0 आदेश कुमार, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, फैकेल्टी मेम्बरस, मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टूडेन्ट्स तथा विश्वविद्यालयकर्मियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘‘भारत रत्न बोधिसत्व डॉ भीम राव अम्बेडकर एवं सामाजिक समरसता‘‘ रहा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मेडिकल स्टूडेन्ट्स द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी लगाया गया। इस रक्तदान शिविर में 35 मेडिकल स्टूडेन्ट्स ने स्वैच्छिक रक्तदान किया तथा 42 ने रक्तदान हेतु पंजिकरण कराया। कार्यक्रम का संयोजन कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के फैकेल्टी मेम्बर डा0 नरेश पाल सिंह ने किया।
कार्यशाला में बोलते हुए विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव ने कहा कि डॉ भीमराव अम्बेडकर एक अद्वितीय विद्वान तथा विधिवेत्ता थे। जब भारत आजाद हुआ तो आजादी के बाद बनी पहली कैबिनेट में उन्होंने कानून मंत्री के रूप में देश की सेवा की। उनकी विद्वता के आधार पर ही 29 अगस्त 1947 को डॉ अम्बेडकर को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान मासौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने बताया कि डॉ0 भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान निर्माता के साथ ही एक सच्चे देशभक्त महापुरूष के रूप में सदा आदर से स्मरण किया जाता रहेगा।
रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा0 आदेश कुमार ने बताया कि डॉ भीमराव अम्बेडकर ने समाज के वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए पूरे जीवन संर्घष किया। डॉ अम्बेडकर जन्म से ही प्रतिभा सम्पन्न थे तथा देशभक्ति उनमें कूट-कूट कर भरी थी। आभाव में जीवन यापन करने के बाद भी बाबा साहेब ने उच्च शिक्षा हासिल की तथा देश के प्रति अपनी सामाजिक एवं राजनैतिक जिम्मेदारियों को बखूबी पूरा किया।

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