दूसरे जुमे पर मस्जिदों पर जकात पर डाली गई रोशनी

फतेहपुर। रमजानुल मुबारक के 13 वें रोजे पर दूसरा जुमा रहा। जुमा की नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग मस्जिदों में पहुंचे और नमाज पढ़ी। बाद नमाज अल्लाह तआला से अमन चैन एवं भाईचारे की दुआएं मांगी। उधर मस्जिदों के पेश इमामों ने जहां रोजों की फजीलत बयान की। वहीं दूसरे अशरे में अधिक से अधिक जकात दिए जाने पर रोशनी डाली।
मुस्लिम समुदाय में शुक्रवार का बड़ा महत्व है। यह शुक्रवार जब माह रमजान का होता है तो इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। इस बार रमजान माह के 13 वें रोजे पर दूसरा शुक्रवार पड़ा। शुक्रवार को जुमा की नमाज पढ़ने के लिए लोगों ने सुबह से ही तैयारी शुरू की और नहा-धोकर ही घर से काम पर निकले। जुमे के वक्त जैसे ही मस्जिदों से अजान पुकारी गई। रोज़दार मस्जिदों की तरफ चल पड़े। तेज धूप होने के बाद भी रोज़दार नमाज पढ़ने के लिए पूरे उत्साह के साथ मस्जिदों में पहुंचे और नमाज अदा की। कोतवाली स्थित जुमा मस्जिद, बाकरगंज पुलिस चौकी के पीछे स्थित जुमा मस्जिद, तुराब अली का पुरवा स्थित अजीज गार्डेन मस्जिद, आबूनगर नई बस्ती स्थित नौरंग मस्जिद, पनी स्थित मुचियानी मस्जिद, ज्वालागंज स्थित शाही मस्जिद आदि मस्जिदें नमाजियों से भरी रही। बाद नमाज नमाजियों ने अल्लाह तआला से हाथ उठाकर अमन चैन की दुआएं मांगी। नमाज से पूर्व मस्जिदों के पेश इमामों ने कहा कि रमजान माह बेहद मुकद्दस महीना है। इस महीने मंे रोजदार के सब्र का इम्तेहान होता है। इमामों ने कहा कि दूसरे अशरा चल रहा है। यह अशरा मगफिरत का है। उन्होने रोजदारों का आहवान किया कि अधिक से अधिक अल्लाह तलाआ से दुआएं मांगे और गरीब, मिस्कीन व मोहताजों की मदद करें। अपने माल की जकात सही व्यक्ति को सही समय पर पहुंचा दें। जिससे वह भी इसका इस्तेमाल कर सके। वहीं दूसरी तरफ नमाज समाप्त होने के बाद घर-घर महिलाओं द्वारा रोजा इफ्तार की तैयारी की जाने लगी। इफ्तार के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाये गये। घर में रोजदारों के अलावा मस्जिद में पहुंचने वाले रोजदारों के लिए भी इफ्तार तैयार की गई। जिसे रोजा खुलने के पहले ही मस्जिदों में भेजा गया। निर्धारित समय पर सभी रोजदारों ने रोजा खोला।

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