बेथेल चर्च बाँदा में ईस्टर का त्यौहार मनाया गया- 

न्यूज़ वाणी

बेथेल चर्च बाँदा में ईस्टर का त्यौहार मनाया गया

ब्यूरो मुन्ना बक्श के साथ प्रशान्त त्रिपाठी की रिपोर्ट

बाँदा। रेवरेंट पुनीत लाल जी ने बताया की ईस्टर क्यों मनाया जाता है
विश्व की आज तक की सबसे अद्भुत एवं मानव इतिहास में पहली बार घटना घटी चर्च के इतिहास में मसीही प्रचार प्रसार का यह प्रमुख विषय था शिष्यों की साक्षी का यह प्रमुख केंद्र बिंदु था
आज से 2000 वर्ष पूर्व प्रभु येशु देह धारण मानव रूपधारण करके जगत में आया पवित्र बाइबल वेद पुराण और अन्य धर्म ग्रंथों में प्रवेश युग के मानव रूप धारण होने का हजारों वर्षों पूर्व भविष्यवाणियों का वर्णन पाया जाता है मानव तो पहले ही पाप का सजा भोग चुका था स्वर्ग भी खो चुका था पवित्र बाइबल बताती है कि सबने पाप किया है और अपना रिश्ता ईश्वर से तोड़ दिया और पाप की मजदूरी मृत्यु है परंतु परमेश्वर का वरदान प्रभु यीशु मैं सास्वत जीवन है यही कारण है कि प्रभु यीशु गुड फ्राइडे के दिन मानव की पाप मोचन कल्याण और मोक्ष हेतु क्रूस पर बलिदान हुआ अर्थात मरा परंतु तीसरे दिन अर्थात रविवार के दिन जी उठा जिसे ईस्टर इतवार भी कहते हैं
ईस्टर का अर्थ है- पुनरुत्थान का दिन खुशी का दिन होता है प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का अर्थ है पुनः जीवित होना की परमेश्वर ने एक आश्चर्यक्रम कार किया कि उसने प्रभु यीशु की दे को सड़ने और नाश होने से बचाकर उसे मृत्यु से उठाकर जीवित किया और फिर कभी ना मरने के लिए महिमामय देह में परिवर्तित किया ऐसा पुनरुत्थान ना पहले कभी हुआ था और ना उसके बाद कभी हुआ अर्थात यह पाप पर विजय बुराई पर अच्छाई और मृत्यु पर जय है
इसीलिए यह दिन मसीही लोग मनाते हैं आप सभी देश नगर वासियों को ईस्टर की शुभकामनाएं दी।

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