अंसार को आशंका थी कि जिस तरह महाराष्ट्र में हो रहा है उसी तरह अजान के समय मजिस्द से लाउड स्पीकर हटवा दिए जाएंगे। आशंका यह भी थी कि उसे यहां से परिवार सहित पलायन करना पड़ेगा।
अंसार मूलरूप से बांग्लादेश का रहने वाला है। हालांकि वह खुद को पश्चिमी बंगाल का निवासी बताता था। अपराध शाखा के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शोभायात्रा दो बार वहां से निकल गई थी। जब तीसरी बार निकल रही थी तो उस पर पथराव कर दिया गया।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार जब शोभायात्रा निकल रही थी तो उस समय अंसार जामा मस्जिद में नहीं था। मस्जिद से किसी ने फोन कर बुलाया था। इसके बाद पथराव व हिंसा शुरू हुई थी। शोभायात्रा के दौरान धर्मस्थल के ऊपर कुछ लोग खड़े थे। अंसार अपने चार-पांच साथियों के साथ शोभायात्रा में पहुंचा था और बहस करने लगा था।
जांच की बैंक खातों
अंसार पर आर्म्स एक्ट के दो व पांच सट्टेबाजी के मामले दर्ज हैं। वह पैसे से कबाड़ी का काम करता है। पुलिस अंसार व उसके साथियों की बैंक डिटेल खंगाल रही है। बैंक डिटेल से देखा जा रहा है कि कहीं साजिश के तहत तो जहांगीरपुरी हिंसा को अंजाम तो नहीं दिया गया था। इनको किसी तरह की फंडिंग तो नहीं की गई थी।
जहांगीरपुरी में हिंसा के तीन दिन बाद भी इलाका छावनी बना हुआ है। मंगलवार को सुरक्षा को और चाक चौबंद कर दिया गया है। कुशल चौक चौराहे के आस पास शांति बहाल करने के लिए मंगलवार को इलाके को पांच सेक्टर में बांट दिया है। यहां पर मंगलवार को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 12 कंपनियां को तैनात की गईं हैं। अब तक कुल 15 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों यहां पर तैनाती गई है।
पुलिस ने कुशल चौराहे के सभी रास्तों पर बोर्ड लगाकर डी 1, डी 2, डी 3, डी 4 और डी 5 में बांट दिया है। अलग अलग सेक्टर की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त और अर्धसैनिक बल को दी गई है। ताकि आपात स्थिति से निपटने में कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।
स्थानीय लोगों को भी अपने घरों में जाने से पहले उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाना पड़ रहा है। बाहरी किसी भी व्यक्ति को यहां जाने की इजाजत नहीं है। वह अन्य रास्तों से अपने गंतव्य तक जा सकते हैं। लेकिन उनकी भी पूरी जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त स्थानीय थाने और दिल्ली पुलिस की टीम लगातार इलाके पर निगरानी रख रही है।