लखनऊ। राजधानी के चारबाग के दो बड़े होटलों में लगी आग में चार लोगों की जिंदा जलकर मौत मौत हो गई, जबकि करीब दर्जनभर लोग गंभीर घायल हुए हैं। हादसे के वक्त होटलों में 50-60 लोग थे। मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। पुलिस और दमकल विभाग अगर समय पर सक्रिय न होता तो शायद हादसा और भयावह हो सकता था। प्रथम दृष्टया शार्ट सर्किट को आग लगने का कारण माना जा रहा है, लेकिन यह भी सामने आ रहा है कि मानकों को ताक पर रखकर ये होटल चल रहे थे। इन होटलों में आग से निपटने के पर्याप्त उपकरण नहीं थे। फिलहाल दोनों होटल मालिक फरार हैं। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि होटल मालिकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। सीएफओ एबी पांडेय ने बताया कि दोनों होटलों में दमकल उपकरण नहीं थे। होटल एसएसजे इंटरनेशनल को दमकल विभाग ने महीने भर पहले ही नोटिस दी थी, लेकिन होटल प्रबंधन ने इसे अनसुना कर दिया। नतीजन बड़ा हादसा हो गया। भीषण अग्निकांड के बाद से ही होटल प्रबंधन के लोग फरार हैं। माना जा रहा है कि मानकों का पालन करने में कहीं न कहीं लापरवाही हुई है। होटल में आग लगने की सूचना मिलते ही मंत्री रीता बहुगुणा जोशी मौके पर पहुंची। उन्होंने जहां मौके की स्थिति का जायजा लिया, वहीं अस्पताल में भी जाकर घायलों की उचित देखरेख की बात कही। मंत्री ने कहा कि होटल में आग लगने की घटना काफी गंभीर है। इसकी मजिस्ट्रेटी जांच होगी। हादसे की रिपोर्ट आते ही चारबाग के सभी होटलों में सुरक्षा और अतिक्रमण की जांच की जाएगी। एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि अगले एक महीने तक चारबाग स्थित सभी होटलों में फायर सेफ्टी का ऑडिट चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना में मारे गये लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिये दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है, वहीं अग्निकांड में गंभीर घायलों को भी 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी।