मुंबई में 5 साल की बेटी संग अश्लील करने के आरोप में पिता को हुई पांच साल,बचाव पक्ष को खारिज करते आरोपी को 5 साल की सजा सुना दी।
5 साल की बेटी संग अश्लील हरकत करने के आरोप में पिता को मुंबई की विशेष अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई है। दोषी के खिलाफ उसकी पत्नी ने ही शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप के मुताबिक, पिता बेटी के प्राइवेट पार्ट बार-बार छूता था।
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एचसी शेंडे ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता पर कोई शारीरिक या प्रत्यक्ष हमला नहीं किया, उसे कोई चोट भी नहीं आई, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि, आरोपी के पिता ने अपने वकील के जरिए कोर्ट को बताया कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में बिलीरुबिन बढ़ने से इचिंग संबंधी परेशानी थी, इसलिए उसके बेटे ने संभवतः उसे छुआ होगा।
मेडिकल ऑफिसर ने भी बिलीरुबिन बढ़ने की बात कही थी। इसके बावजूद कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए कहा कि डॉक्टर ने ये भी कहा था कि अगर बिलीरुबिन में बढ़ोतरी हुई है तो पूरे शरीर में खुजली होनी चाहिए। इसलिए इस बात को नहीं माना जा सकता है।
यह मामला ऐसे सामने आया
घटना 2019 की है। जब बच्ची की टीचर ने बच्ची की अजीब आदत को देख उसकी मां से इसकी कंप्लेंट की और मां से इस पर नजर रखने को कहा है। आरोप है कि बच्ची की मां ने आरोपी को कई बार ऐसा करते हुए देखा और फिर तंग आकर साल 22 जनवरी 2019 में एफआईआर दर्ज करवाई। बच्ची ने भी अपने बयान में इस बात को माना की उसके पिता ने उसे गलत ढंग से छुआ।
यह गंभीर आरोप सफाई में पत्नी पर लगाया
अपनी सफाई में दोषी की ओर से कहा गया कि उसकी पत्नी के दो लोगों संग संबंध थे और वह देर रात तक उनसे बात भी करती थी। वह रिश्ता खत्म करना चाहती थी। बच्ची की तबियत खराब होने के बावजूद वह उस पर ध्यान नहीं देती थी। इसे लेकर दोनों के बीच कई बार लड़ाइयां हो चुकी थी। उसने एक बार सबक सिखाने की धमकी भी दी थी। आरोपी ने कहा कि मैंने कभी भी अपनी बेटी को पीटा तक नहीं है, मुझे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है।
अदालत ने तीन गवाहों के बयान को सही माना
जस्टिस एचसी शेंडे ने कहा कि पीड़िता, उसकी मां, स्कूल टीचर और बेबी सिटिंग इंचार्ज महिला की गवाही मिलती जुलती है। वहींबच्ची का ये भी कहना है कि उसका पिता उसके प्राइवेट पार्ट को छूता था और फिर धमकी देता था कि अगर वह किसी को बताएगी, तो वह उसे 20 बार सिट अप की सजा देगा। अदालत ने यह भी कहा कि 5 साल की बच्ची ने अपने माता-पिता के बीच किसी भी तरह के झगड़े के बारे में बात नहीं की थी। कोर्ट ने बचाव पक्ष की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए आरोपी को 5 साल की सजा सुना दी।