आजम-अखिलेश के रिश्ते तल्ख होते जा रहे , चाचा-भतीजे के संबंध बदलते ही बदल गए खां साहब के सुर

जेल में बंद सपा नेता आजम खां ने सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा से मुलाकात के लिए यूं ही इंकार नहीं किया। इसके कई सियासी मायने भी हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की उनके चाचा प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव से संबंध अच्छे नहीं चल रहे हैं। हाल ही में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बयानों से बहुत कुछ सियासी तस्वीर इसी ओर इशारा कर रही है। शिवपाल यादव खुद को पार्टी से निकालने की बात भी कह चुके हैं।बीते शुक्रवार को शिवपाल यादव सीतापुर जेल में बंद आजम खां से मिलने गए थे। करीब आधे घंटे तक दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। जेल से बाहर निकलने के बाद शिवपाल यादव ने सपा पर करारा हमला बोला था। जेल में बंद आजम खां को छुड़ाने के लिए सपा की ओर से संघर्ष नहीं करने का आरोप भी लगाया था। यह भी कहा था कि अगर मुलायम और अखिलेश चाहते तो आजम खां बाहर होते। शिवपाल ने आजम खां को झूठे मामलों में फंसाने की बात तो कही थी, लेकिन भाजपा के विरोध में एक भी शब्द नहीं बोला था रविवार को सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा आजम खां से मिलने जेल पहुंचे पर आजम ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया। अब इस इंकार की वजह सियासी गलियारों में निकाली जा रही है। राजनीतिक जानकारों की माने तो चुनाव में सपा की हुई हार के बाद अखिलेश और शिवपाल के समीकरण ही नहीं बदले हैं बल्कि जेल में बंद आजम के समर्थक भी सपा के खिलाफ लामबंद होते नजर आ रहे हैं। हाल ही में आजम खां के एक करीबी की ओर से रामपुर में दिया गया बयान इसका अहम प्रमाण है। आजम से जुड़े उनके कई मुस्लिम समर्थक भी सपा का विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर ऐसे दौर में यह भी माना जा रहा है कि चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के संबंध बदलते ही खां साहब के सुर बदले हैं।

आजम पहले भी मुलाकात से इंकार करते रहे हैं 

27 फरवरी 2020 से सीतापुर की जेल में बंद आजम खां इससे पहले भी कई बार मुलाकात से इंकार करते रहे हैं। जेल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आजम खां ने कई बार लोगों को मना किया है। इसमें पार्टी के कुछ बड़े तो कुछ छोटे नेता भी शामिल रहे हैं। वैसे सप्ताह में दो मुलाकात आजम खां की लोगों से हो जाती है।
अखिलेश यादव 26 महीनों में एक बार मिले 
आजम को सीतापुर की जेल में बंद हुए 26 माह हो रहे हैं। सिर्फ एक बार ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम से मुलाकात की। हाल ही में जब आजम के समर्थकों ने इस्तीफा देना शुरू किया और उन्होंने पार्टी से मुखालफत के सुर बुलंद किए तो सपा अचानक सक्रिय हो गई शिवपाल से मिलने के बाद रविवार को रविदास मेहरोत्रा के जेल पहुंचने के पीछे माना जा रहा है कि कहीं न कहीं अखिलेश यादव के इशारे पर ही वह उनका संदेशा लेकर आएं होंगे। उधर, रालोद के जयंत चौधरी ने रामपुर में आजम के बेटे से मुलाकात की। अब आजम रविवार को रविदास से मिले नहीं। इससे इस बात पर मोहर लग रही है कि कहीं न कहीं आजम सपा से नाराज हैं। चर्चा इस बात की भी है कि पार्टी के विधायक से मुलाकात न करने से सपा के लिए संकेत अच्छे नहीं हैं।
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