झुलसा देने वाली धूप में आसमान से बरसती आग गर्म हवा के असहनीय थपेड़े और छांव की तलाश में बेहाल शहरी राजधानी में बृहस्पतिवार को ऐसा ही माहौल रहा। अधिकतम पारा 44 डिग्री को छूते-छूते रह गया और 43.8 डिग्री दर्ज हुआ। गर्मी की इस तल्खी ने शहर को पसीने से तरबतर कर दिया। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि यह तल्खी जारी रहेगी। आने वाले दिनों में हीट वेव के लिए भी तैयार रहें।
अनुमान अप्रैल में 45 डिग्री तक पारा पहुंचने का
मौसम विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, पारे में उतार चढ़ाव जारी रहेगा। हालांकि, तीन और चार मई को आंशिक बदली छाने से थोड़ी सी राहत मिलने के आसार रहेंगे। वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक डॉ. सीएम नौटियाल कहते हैं कि पारे में जितनी तेजी से बढ़ने की प्रवृत्ति नजर आ रही है, उसे देख कर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पारा अभी दो-तीन दिन तक बढ़ेगा। पारा 44 डिग्री तक तो रहेगा, लेकिन स्थानीय कारण सक्रिय हुए तो 45 डिग्री तक भी जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो लखनऊ में 23 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। इससे पहले 30 अप्रैल 1999 को पारा 45 डिग्री दर्ज हुआ था।
सबसे गर्म चार वर्षों में दूसरी बार अप्रैल
मौसम विभाग के आंकड़ों से यदि गर्मी को मापें तो अहसास ही बेहाल कर देगा। चार वर्षों में दूसरी बार ऐसा मौका आया है, जब अप्रैल इतना गर्म रहा है। इससे पहले 2019 में 30 अप्रैल को पारा 44.6 डिग्री दर्ज हुआ था।
बढ़ती गर्मी के बीच लोग बार-बार मुंह सूखने, सिर दर्द और थकावट की शिकायत करते नजर आए। चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा गर्मी बढ़ने पर ऐसी दिक्कतें होती हैं। तेज बुखार व सांस लेने में तकलीफ, दस्त लगना, सिर व शरीर में दर्द, हाथ-पैरों में ढीलापन, बेहोशी लगना लू लगने के लक्षण हैं।
तेज धूप में निकलने से बचें, निकलना पड़े तो शरीर को पूरी तरह से ढक कर निकलें। हल्के रंग के कॉटन व लिनेन के कपड़े पहनें। हल्का भोजन करें। एसी में बैठने के तुरंत बाद बाहर न निकलें। अधिक नमक, तीखा, तैलीय भोजन करने से बचें। अधिक पानी पिएं, छांछ, नींबू का सेवन फायदेमंद होगा।