एंटीबॉडीज लोगों में कम हो गई हैं
वहीं से बातचीत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ता प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे (साइटोजेनेटिक्स लैब, जूलॉजी विभाग) कहते हैं, देश में जिस तरह से कोरोना की रफ्तार है, ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आने वाले दिनों में हमें एक और लहर का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादातर वैक्सीनेटेड लोगों में निर्मित एंटीबॉडीज का स्तर पहले से काफी कम हो गया है। 30 फीसदी लोगों में तो एंटीबॉडीज का स्तर लगभग खत्म हो चुका है, जो उनमें संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकती है।चौथी लहर की गंभीरता को लेकर प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं, यह लहर बहुत परेशानियों वाली नहीं होनी चाहिए। तीसरी लहर की तुलना में चौथी लहर कम गंभीर होने के साथ जल्दी शुरू होकर जल्द ही खत्म हो जाएगी। इस बार ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की आशंका भी कम है। ऐसी भी उम्मीद की जा रही है कि चौथी लहर देश के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय में आ सकती है। फिलहाल इन आशंकाओं से बचाव के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर और वैक्सीनेशन ही हमारी मदद कर सकती है। हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।