लोक सभा चुनाव में उतरने से पहले कमजोर कड़ियां दुरुस्त करेगी भाजपा, पढ़िए उत्तराखंड में  पार्टी की तैयारी

भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले अपनी कमजोर कड़ियों को दुरुस्त कर लेना चाहती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे ऐसे 3668 बूथों पर विशेष अभियान चलाना है, जहां वह दूसरे व तीसरे स्थान पर खिसक गई। ये सभी बूथ 70 विधानसभा सीटों में हैं। इनमें पार्टी की मजबूती के लिए संगठन नेतृत्व अलग रणनीति बना रहा है।

इसकी शुरुआत चंपावत विधानसभा सीट में प्रस्तावित उपचुनाव से होगी। पिछले दिनों ही पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के सामने पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की रिपोर्ट रखी थी। 23 विधानसभा सीटों पर पार्टी की पराजय और उसके कारणों पर भी अलग से मंथन हुआ था। इसमें हारे हुए प्रत्याशी भी शामिल हुए थे।

संगठन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, विस चुनाव में पार्टी ने 70 सीटों पर 11668 बूथों में से आठ हजार पर बढ़त बनाई, जबकि 2,796 बूथों पर वह दूसरे व 872 बूथों पर वह तीसरे स्थान पर रही। 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले पार्टी इन 3668 बूथों के लिए अलग से रणनीति बना रही है।

टीम हर बूथ पर तैनात होगी 

राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के निर्देश के बाद अब प्रदेश स्तर पर हर बूथ को मजबूत करने के लिए टीमें बनेंगी। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मध्य बूथों की जिम्मेदारी तय होगी। 23 विधानसभा सीटों पर हारे हुए प्रत्याशियों को उनकी विधान सभा के बूथों का जिम्मा होगा।
चंपावत के चुनावी समर में सरकार के सभी मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी भी मोर्चा संभालेंगे। पार्टी चंपावत उपचुनाव के लिए अलग से रणनीति बना रही है। पिछले दिनों राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की बैठक में चंपावत उपचुनाव के लिए एक टीम का एलान कर दिया गया था। पार्टी अब अलग-अलग कार्यों के लिए टीमों का गठन करेगी। इस सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने इस सीट पर भी कमजोर बूथों पर काम शुरू कर दिया है। प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की गई है।
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