भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी इंटर काॅलेज मे जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा बच्चों को शिक्षा,तनाव व चिंता के विषय मे दी गई जानकारी
न्यूज़ वाणी
भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी इंटर काॅलेज मे जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा बच्चों को शिक्षा,तनाव व चिंता के विषय मे दी गई जानकारी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बाँदा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव के दिशा निर्देश पर भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी इंटर कॉलेज श्रीनाथ बिहार सर्वोदय नगर बांदा में सुसाइड प्रीवेंशन कैंप का आयोजन किया गया।जिसमें जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा बच्चों को शिक्षा,तनाव व चिंता के विषय में जानकारी दी गई । जिला चिकित्सालय से आए मनोरोग चिकित्सक डॉ हरदयाल ने बताया कि जब कोई शख़्स आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगता है तो इस स्थिति को मनोचिकित्सक सुसाइडल आइडिएशन (आत्महत्या का ख्याल) कहते हैं. ज़रूरी नहीं है कि किसी एक वजह से ऐसा हो. विशेषज्ञों की राय में जब व्यक्ति को किसी मुश्किल से निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलता है, तो वो अपना जीवन ख़त्म करने के बारे में सोचता है। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित लक्षण होते हैंअवसाद मानसिक स्थिति का एकसमान नहीं रहना।बेचैनी और घबराहट का होना।जिस चीज़ में पहले खुशी मिलती थी, अब उसमें दिलचस्पी ना होना।हमेशा निगेटिव बातों का आना।भविष्य को लेकर निगेटिव दृष्टिकोण का होना। इससे बचने के लिए उन्होंने बताया कि यदि इस प्रकार के विचार आएं तो काउंसलिंग का सहारा ले वा मनोरोग चिकित्सक को जाकर जरूर दिखाएं ।अपने माता पिता वह मित्रों से भी लगातार अपने मन के विचारों को कहें। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ रिजवाना हाशमी ने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बताया कि तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है यदि कुछ समझ में नहीं आता तो शिक्षकों से पूछें घर में माता-पिता से समझे किसी प्रकार की कोई चिंता है तो पारिवारिक सलाह जरूर लें। यदि अंजाना डर य साया समझ में आए तो वह भी मानसिक रोग के अंतर्गत आता है उसके लिए आप जिला चिकित्सालय पुरुष में ओपीडी संख्या 4,5,6 में जा कर दिखा सकते हैं ।
अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी नरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 15 से 19 साल के युवाओं के बीच मौत की चौथी सबसे बड़ी वजह आत्महत्या है 2019 में आत्महत्या करने वाले 77 प्रतिशत लोग निम्न और मध्य आय वर्ग वाले देशों के थे। यदि पढ़ाई कहीं पर भी समझ में नहीं आती या परीक्षा के समय तनाव रहता है किसी प्रकार की चिंता बनी हुई है तो उससे बचने के लिए प्रातः योग का सहारा जरूर लें जिसमें अनुलोम विलोम कपालभाति भ्रामरी प्राणायाम करें तथा उन्होंने कुछ क्रियाएं भी बताई। कॉलेज के मैनेजर श्री राम लखन कुशवाहा ने आई हुई जिला मानसिक स्वास्थ्य की टीम का आभार व्यक्त किया और भविष्य में ऐसी कार्य शालाओं के लिए पुनः आने का निमंत्रण दिया ताकि शिक्षा के साथ बच्चों को मानसिक मजबूती भी प्राप्त हो सके। डायरेक्टर श्रीमती संध्या कुशवाहा ने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अपने चारों तरफ होने वाली गतिविधियों पर भी ध्यान रखने की सलाह दी व पूरी टीम का सम्मान ज्ञापित किया ।शिविर में सहायक अशोक कुमार ने बच्चों को पंपलेट बांटकर उन्हें जागरूक किया।
टीम द्वारा बच्चों से मानसिक स्वास्थ्य के विषय में प्रश्न पूछ कर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया।