आगरा जिले के करीब 90 किमी दूर बाह के गांव पुरा वीरबल में एक ऐसी मां है, जिनके त्याग और ममता की कहानी सभी की जुबान पर रहती है। इस मां ने बेटे की मौत के बाद बेरंग हुए बहू के जीवन में खुद ही खुशियों को रंग भर दिए। विधवा होने का दंश झेलने वाली बहू को बेटी बनाकर कन्यादान किया, तो हर कोई हैरान रह गया। कहने वाले क्या कहेंगे, इस फिक्र को छोड़कर बहू के लिए एक मां का फर्ज निभाया।
पांच साल पहले हुई थी बेटे की मौत
बाह के पुरा वीरबल गांव की 70 वर्षीय गंगाश्री के बेटे की मौत पांच साल पहले हुई थी। जिसके बाद गंगाश्री ने पीड़ा के पहाड़ को भुलाकर बहू को बेटी बना लिया। कन्यादान कर मां का फर्ज निभाया। हर तीज-त्योहार पर वह यह फर्ज अभी भी निभा रही हैं। बताया गया है कि गंगाश्री के बेटे सोनू की शादी वर्ष 2017 में हुई थी। शादी के तीन साल बाद ही बेटे का निधन हो गया। गोद में दो साल के बेटे के साथ बहू नीलम का दर्द उनसे देखा नहीं गया।
बहू का किया कन्यादान
बेटे की मौत के गम को भुलाकर बहू को संभाला। उसको बेटी मानते हुए वर की तलाश की। कोल्हूपुरा गांव का उनका भांजा मुकेश नीलम का हाथ थामने को तैयार हो गया। गंगाश्री ने मां की भूमिका निभाई और कन्यादान किया। नाती को गंगाश्री ने अपने पास रखा है। बोलीं कि विधवा होने का दंश खुद झेला है, इसलिए बहू को बेटी बनाकर उसकी शादी करा दी। नीलम के साथ आज भी सास-बहू नहीं, मां-बेटी जैसा रिश्ता कायम है। नीलम कहती है कि गंगाश्री उनके लिए मां हैं और हमेशा उनसे मां की तरह स्नेह मिला है।