ताजमहल और मथुरा की ईदगाह मस्जिद ही नहीं, देश के 5 राज्यों की इन 10 मस्जिदों को लेकर विवाद

 

 

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि के परिसर में स्थित मस्जिद के भी सर्वे कराए जाने की याचिका अदालत पहुंच गई है। उधर ताजमहल के भी शिव मंदिर तेजो महालया होने के दावे को लेकर याचिका दायर की गई है। इस बीच हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कुतुब मीनार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ किए जाने की मांग की।

भारत में मंदिर-मस्जिद से जुड़ा विवाद नया नहीं है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की हुई, जो 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद थम गया।

शिया वक्फ बोर्ड ने की थी 10 विवादित मस्जिदों को सरेंडर करने की अपील

अयोध्या में राम मंदिर का फैसला आने से एक साल पहले मार्च 2018 में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने उन विवादित मस्जिदों के स्थलों को हिंदुओं को लौटाने की अपील की थी, जिन्हें मंदिरों को तोड़कर बनाए जाने का आरोप है।

रिजवी ने जिन विवादित मस्जिदों का जिक्र किया था, उनमें अयोध्या की बाबरी मस्जिद, मथुरा की ईदगाह मस्जिद, वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, जौनपुर में अटाला मस्जिद, गुजरात के पाटन में जामी मस्जिद, अहमदाबाद में जामा मस्जिद, पश्चिम बंगाल के पांडुआ में अदीना मस्जिद, मध्य प्रदेश के विदिशा में बीजा मंडल मस्जिद और दिल्ली की कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद शामिल हैं।

2019 में थमा गया था राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद

ढाई साल पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का विवाद खत्म हो गया था। कई सौ वर्षों से जारी इस विवाद में 9 नवंबर 2019 को दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदू पक्ष को सौंपने का फैसला किया था। 1528 में यहां बनी बाबरी मस्जिद को 1992 में कारसेवकों ने ढहा दिया था।

ज्ञानवापी मस्जिद, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

वाराणसी में काशी-विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सैकड़ों वर्षों से विवाद जारी है। माना जाता है कि 1699 में मुगल शासक औरंगजेब ने मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी।

काशी विश्वनाथ मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। यहां से मस्जिद को हटाए जाने को लेकर पहली याचिका 1991 में दाखिल हुई थी। 2019 में मस्जिद के आर्कियोलॉजिकल सर्वे को लेकर याचिका दाखिल हुई थी, जो अभी अदालत में लंबित है।

पिछले साल 5 महिलाओं द्वारा मस्जिद परिसर में रोजाना श्रृंगार गौरी देवी की पूजा करने की मांग वाली याचिका पर जिला अदालत ने मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी कराए जाने का आदेश दिया था। 6 मई को शुरू हुआ सर्वे भारी विरोध की वजह से पूरा नहीं हो पाया।

शाही ईदगाह मस्जिद, मथुरा, उत्तर प्रदेश

शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है। इस स्थल को हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली माना जाता है। माना जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था।

1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की विवादित भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट कर दी थी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली थी। ये ट्रस्ट 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और 1977 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से रजिस्टर्ड हुआ।

1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह कमिटी के बीच हुए समझौते में इस 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व ट्रस्ट को मिला और ईदगाह मस्जिद का मैनेजमेंट ईदगाह कमेटी को दे दिया गया।

अब इस मामले में दाखिल याचिका में ईदगाह मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग की गई है।

ताजमहल, आगरा, उत्तर प्रदेश

आगरा के ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1632 में शुरू कराया था, जो 1653 में खत्म हुआ था, लेकिन मुमताज के इस प्रसिद्ध मकबरे को लेकर भी हाल के वर्षों में विवाद उठ खड़े हुए हैं।

कई हिंदू संगठनों का दावा है कि शाहजहां ने ‘तेजो महालया’ नामक भगवान शिव के मंदिर को तुड़वाकर वहां ताजमहल बना दिया। हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में ताजमहल के बंद 22 कमरों को खुलवाकर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जांच कराने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई है। ये याचिका बीजेपी के अयोध्या के मीडिया इन-चार्ज रजनीश सिंह ने दाखिल की है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि ताजमहल के बंद 22 कमरों की जांच से ये साफ हो जाएगा कि वह शिव मंदिर है या मकबरा। याचिका में गया है, ”ताजमहल का नाम शाहजहां की पत्नी मुमताज महल के नाम पर पड़ा, जबकि कई किताबों में शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज महल नहीं, बल्कि मुमताज-उल-जमानिया बताया गया है।”

कमल मौला मस्जिद, धार, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 250 किलोमीटर दूर धार जिले में स्थित कमल मौला मस्जिद अक्सर विवादों में रही है। हिंदू इसे माता सरस्वती का प्राचीन मंदिर भोजशाला बताते हैं, जबकि मुस्लिम इसे अपनी इबादतगाह यानी मस्जिद बताते हैं।

माना जाता है कि भोजशाला मंदिर का निर्माण हिंदू राजा भोज ने 1034 में कराया था। इस पर पहले 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने हमला किया। फिर मुस्लिम सम्राट दिलावर खान ने यहां स्थित विजय मंदिर को नष्ट करके सरस्वती मंदिर भोजशाला के एक हिस्से को दरगाह में बदलने की कोशिश की। इसके बाद महमूदशाह ने भोजशाला पर हमला करके सरस्वती मंदिर के बाहरी हिस्से पर कब्जा करते हुए वहां कमल मौलाना मकबरा बना दिया।

1997 से पहले हिंदुओं को यहां पूजा नहीं, बल्कि केवल दर्शन करने की इजाजत थी। अब इसकी देखरेख ऑकियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, यानी ASI करता है। उसने हिंदुओं को यहां हर मंगलवार और वसंत पंचमी पर पूजा करने और मुस्लिमों को हर शुक्रवार को नमाज पढ़ने की इजाजत दी है। यहां 2006, 2013 और 2016 को शुक्रवार के दिन वसंत पंचमी पड़ने पर सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं।

कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, दिल्ली

दिल्ली की पहली शुक्रवार मस्जिद देश की प्रमुख धरोहरों में से एक कुतुब मीनार परिसर के अंदर स्थित है। इस मस्जिद का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने कराया था। माना जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण 27 हिंदू और जैन मंदिरों को नष्ट करके किया गया था।

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान अयोध्या में खुदाई में शामिल रहे प्रसिद्ध आर्कियोलॉजिस्ट केके मुहम्मद ने हाल ही में कहा था कि कुतुब मीनार के पास स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को बनाने के लिए 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ गया था। केके मुहम्मद के मुताबिक, ‘’मस्जिद के पूर्वी गेट पर लगे एक शिलालेख में भी इस बात का जिक्र है।’’

इस मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस साल फरवरी में साकेत जिला अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिककर्ता का कहना है कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि यहां मंदिरों को नष्ट किया गया है। इसलिए उन्हें यहां पूजा करने का अधिकार दिया जाए। याचिका में ये भी कहा गया है कि इस मस्जिद में पिछले 800 वर्षों से नमाज नहीं अदा की गई है।

बीजा मंडल मस्जिद, विदिशा, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में स्थित बीजा मंडल मस्जिद को लेकर भी विवाद रहा है। माना जाता है कि बीजा मंडल मस्जिद का निर्माण परमार राजाओं द्वारा निर्मित चर्चिका देवी के हिंदू मंदिर को नष्ट करके किया गया था।

इस स्थल पर मौजूद एक खंभे पर लगे शिलालेख में बताया गया है कि मूल मंदिर देवी विजया को समर्पित था, उन्हें चर्चिका देवी भी कहा जाता है, जो विजय की देवी मानी जाती हैं। सबसे पहले इस मंदिर का निर्माण 8वीं सदी में हुआ था और फिर 11वीं सदी में चर्चिका देवी के भक्त परमार वंश और मालवा के राजा नरावर्मन ने विजया मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था।

माना जाता है कि 1658-1707 के दौरान औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला करके इसे लूटा और नष्ट कर दिया। उसने मंदिर के उत्तरी ओर मौजूद सभी मूर्तियों को दफनाकर इसे मस्जिद में बदल दिया।

जामा मस्जिद, अहमदाबाद, गुजरात

गुजरात के अहमदाबाद में स्थित जामा मस्जिद को लेकर भी विवाद रहा है। माना जाता है कि इस मस्जिद को हिंदू मंदिर भद्रकाली को तोड़कर बनाया गया है। अहमदाबाद का पुराना नाम भद्रा था। भद्रकाली मंदिर का निर्माण मालवा (राजस्थान) पर 9वीं से 14वीं सदी तक राज करने वाले राजपूत परमार राजाओं ने कराया था। अहमदाबाद में अभी जो जामा मस्जिद है, उसे अहमद शाह प्रथम ने 1424 में बनवाया था।

यहां पहले मंदिर होने का दावा करने वालों का तर्क है कि इस मस्जिद के ज्यादातर खंभे हिंदू मंदिरों के स्टाइल में बने हैं। इसके कई खंभों पर कमल के फूल, हाथी, कुंडलित नाग, नर्तकियों, घंटियों आदि की नक्काशी की गई है, जो अक्सर हिंदू मंदिरों में नजर आते हैं। साथ ही इसके हाल में कई खंभे बने हैं, जोकि आमतौर पर मंदिरों की पहचान हैं।

अटाला मस्जिद, जौनपुर, उत्तर प्रदेश

UP के जौनपुर जिले में स्थित अटाला मस्जिद भी विवादों से घिरी रही है। इस मस्जिद का निर्माण 1408 में इब्राहिम शरीकी ने कराया था। माना जाता है कि इब्राहिम ने जौनपुर में स्थित अटाला देवी मंदिर को तोड़कर वहां अटाला मस्जिद बनाई थी। अटाला देवी मंदिर का निर्माण गढ़ावला के राजा विजयचंद्र ने कराया था।

अदीना मस्जिद, मालदा, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के पांडुआ में स्थित अदीना मस्जिद का निर्माण 1358-90 में सिकंदर शाह ने कराया था। माना जाता है कि उसने भगवान शिव के प्राचीन आदिनाथ मंदिर को नष्ट करके उसकी जगह अदीना मस्जिद बनवाई थी। वहां मंदिर होने का दावा करने वालों का तर्क है कि अदीना मस्जिद के कई हिस्सों में हिंदू मंदिरों के स्टाइल की डिजाइन नजर आती हैं।

जामी मस्जिद, पाटन, गुजरात

गुजरात के पाटन जिले में स्थित जामी मस्जिद को लेकर अक्सर विवाद उठता रहा है। माना जाता है कि इस मस्जिद को यहां बनी रुद्र महालय मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, रुद्र महालय मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में गुजरात के शासक सिद्धराज जयसिंह ने कराया था। 1410-1444 के बीच अलाउद्दीन खिलजी ने इस मंदिर के परिसर को नष्ट कर दिया था। बाद में अहमद शाह प्रथम ने मंदिर के कुछ हिस्से को जामी मस्जिद में बदल दिया था।

 

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