शुक्रवार को आसमान ने उगली आग, बेहाल हुआ जनमानस – धूल भरी हवाओं के बीच दिन भर मार्ग रहे सूने – घरों में भी नहीं मिला चैन, शीतल पेय पदार्थो की बिक्री बढ़ी
फतेहपुर। मई की शुरूआत में ही गर्मी ने अपना भरपूर असर दिखाना शुरू कर दिया था। मई का एक-एक दिन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे गर्मी की शिद्दत भी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को आसमान ने आग उगलने का काम किया। हालात यह रहे कि पूरा दिन लू के थपेड़े चलते रहे। धूल भरी हवाओं के बीच दिन भर मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा। बाजार में ग्राहकों से खाली रहे। व्यापारी दिन भर अपने-अपने प्रतिष्ठानों मंे ग्राहकों का इंतजार करते दिखे। भीषण गर्मी के बीच बाजार में सजीं पेय पदार्थों की दुकानों में शाम होते ही लोगों की भीड़ देखी गई।
ज्ञात रहे कि चैत नवरात्र पर्व के बाद से ही लोगों के अनुमान से ज्यादा ही गर्मी अपने शबाब पर पहुंच गयी थी। जो मई माह के शुरूआती दिनों में भी लगातार जारी है। अब धूप की तपिश लोगों को बेहाल कर रही है। वैसे सुबह-शाम पहर मौसम ठीक रहता है, लेकिन जैसे ही पूर्वान्ह ग्यारह बजते हैं धूप की तेजी बढ़ जाती है और देखते ही देखते एक बजे के बाद मौसम में इतनी गर्माहट आ जाती है कि लोग बाहर तक निकलना पसंद नहीं करते है। मजबूरीवश ही लोग सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। अभी तक मार्गों में चलकदमी थी, लेकिन शुक्रवार को चहलकदमी में कुछ कमी देखी गई। गर्मी के मौसम के मद्देनजर बाजारों में तरह-तरह के ठंडे पेय पदार्थों की दुकानें भी सजी है। जिनमें दोपहर के समय लोग काफी संख्या में अपना गला तर करते देखे जा रहे हैं। गर्मी से बचाव के प्रयास भी लोग करने से चूक नहीं रहे है। महिला एवं पुरूष वर्ग गमछा, तौलिया, दुपट्टे से अपने शरीर को ढक कर ही बाहर निकल रहे हैं। बिना मुंह ढके अब लोग बाहर निकलना पसंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि धूप की तपिश सीधे लोगों के शरीर पर पड़ती है और लोग गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। इस तेज धूप में सबसे ज्यादा दिक्कत नन्हे-मुन्ने स्कूली बच्चों को उठानी पड़ती है। सुबह के समय स्कूल जाने में तो कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन जब दोपहर को छुट्टी होती है तो घर वापसी आते समय उन्हें गर्मी छेलनी पड़ती है। बेचारे कुम्हलाते हुए अपने घरों को जा रहे हैं। कुछ बच्चे तो साथ में पानी की बोतल गला तर करने के लिए रखते हैं जो थोड़ी-थोडी देर में पानी पीकर अपना गला तर करते रहते है।