फतेहपुर। इन दिनों सुबह से ही कुदरत का कहर बनकर आसमान से आग बरस रही है। जिससे हर केाई बेचैन हो उठा। सुबह से सूरज के दर्शन के साथ ही जलती-चुभती गर्मी का एहसास होता है तो बच्चों से लेकर बूढों तक के मुंह से बस यही निकलता है कि उफ यह गर्मी कब जाएगी। दिन चढ़ने के साथ ही धूप में तेजी के साथ लू के थपेड़े चलते हैं तो सभी कराह उठते हैं।
बताते चलें कि दोपहर के समय का आलम यह होता है कि इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षी भी छांव की तलाश करने लगते है। मार्गों पर चहलकदमी न के बराबर रहती है। सिर्फ तपते हुए मार्ग ही गर्मी की भयावहता को दर्शाते हैं। जंगल में गर्म हवा के झोंकों से पेड़ हिलते हैं और सिर्फ सरसराहट की आवाज सुनाई देती है। गर्मी की प्रचंडता से हर कोई आजिज सा दिखाई देता है। गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। सुबह सूरज निकलने के साथ ही धूप की तेजी लोगों को बेचैन करने लगती है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता है वैसे-वैसे धूप की तेजी के साथ ही गर्म हवा भी चलने लगती है जो थपेड़ों की तरह लगती है। वहीं घर से बाहर निकलने पर धूप की तेजी इस तरह से शरीर पर असर करती है जैसे कि शरीर पर जलन हो रही और चुभन हो रही हो। धूप से बचने के लिए ही लोग दोपहर में न के बराबर बाहर निकलते हैं जिसके चलते दोपहर के समय मार्गों में सन्नाटा पसरा रहा। उधर सर्वाधिक स्कूली बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर के समय स्कूल की छुट्टी होने पर बच्चे धूप में घर पहुंच रहे हैं। धूप से बचने के लिए छतरी का सहारा लेते दिखाई देते हैं। गर्मी का यह कहर अभी जारी रहेगा।