अज़मते वालिदैन कांफ्रेंस में मां-बाप की सेवा पर डाली रोशनी – खुसूसी मेहमान के तौर पर मुफ्ती हम्माद रजा कादरी ने लिया हिस्सा

फतेहपुर। गुरूवार की रात मां-बाप (वालिदैन) के सवाब व उनकी शान में एक जलसा आयोजित हुआ। इसलाहे मुशाअरे में जहां शायरों ने मां बाप व उनकी अज़मत के कसीदे गढ़े तो तकरीर में मां बाप के दर्जे व उनकी शख्सियत पर नसीहत दी गई।
शहर क्षेत्र के आबूनगर नई बस्ती में हाफिज व कारी रिजवान की ओर से अजमते वालिदैन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें खुसूसी मेहमान के तौर पर मुरादाबाद के हजरत व मुफ्ती हम्मद रजा कादरी तशरीफ लाए। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए क़ुरआन व हदीस के हवाले से अल्लाह के बाद मां-बाप का दर्ज़ा बताते हुए अपने-अपने मां-बाप से मोहब्बत करने की नसीहत दी। मां-बाप के हक व हुकूक सुनकर उपस्थित तमाम नाजरीनों ने नजराने की बौछार की। बिलखुसूसी मेहमान के तौर पर बाराबंकी से आए सैय्यद शाह हस्सान ने सभी को दुआओ से नवाजा। उपस्थित नाजरीनों से वक्ताओं ने कहा कि आज हम सभी लोग अपने मां-बाप की सेवा नहीं करते। बात-बात पर उनसे बदजुबानी से बात करते हैं। जबकि हजरत मोहम्मद स.अ. का फरमान है कि जो व्यक्ति अपने मां-बाप की सेवा नहीं करेगा और उनसे बदजुबानी करेगा तो वह जहन्नमी होगा। उन्होने सभी का आहवान किया कि मां-बाप के फरमाबरदार बानो। और उनकी खिदमत करो। कार्यक्रम के दौरान अन्य मेहमानों ने भी उपस्थित नाजरीनों को मां-बाप के हुकूक के बारे में बताया। इस मौके पर खानकाह एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शब्बीर वारसी, कमेटी मेंबर मुंसेफ रजा, राजू, आफताब, शानू, शाहरूख, महताब समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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