धरती की खुशहाली के लिए जैव विविधता की समृद्धि जरूरी: प्रवीण – अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना का दिन – अवैध खनन से नदियों व वृक्षों को कटने से बचाने का लें संकल्प

खागा/फतेहपुर। अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने बताया कि विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी तथा वनस्पति एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं, जिनका जीवन एक-दूसरे पर ही निर्भर रहता है। सही मायनों में जैव विविधता की समृद्धि ही धरती को रहने तथा जीवनयापन के योग्य बनाती है किन्तु विडंबना है कि निरंतर बढ़ता प्रदूषण रूपी राक्षस वातावरण पर इतना खतरनाक प्रभाव डाल रहा है कि जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं।
पृथ्वी पर मौजूद जंतुओं और पौधों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए तथा जैव विविधता के मुद्दों के बारे में लोगों में जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। अगर विकास के नाम पर वनों की बड़े पैमाने पर कटाई के साथ-साथ जीव-जंतुओं तथा पक्षियों से उनके आवास छीने जाते रहे और ये प्रजातियां धीरे-धीरे धरती से एक-एक कर लुप्त होती गई तो भविष्य में उससे उत्पन्न होने वाली भयावह समस्याओं और खतरों का सामना हमें ही करना होगा। बढ़ती आबादी तथा जंगलों के तेजी से होते शहरीकरण ने मनुष्य को इतना स्वार्थी बना दिया है कि वह प्रकृति प्रदत्त उन साधनों के स्रोतों को भूल चुका है, जिनके बिना उसका जीवन ही असंभव है।

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