राशन कार्ड सरेंडर करने या अपात्रों से रिकवरी करने के मामले पर प्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है। खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने कहा है राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश शासन या उनके स्तर से जारी नहीं किया गया है। राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है और न तो कार्ड निरस्तीकरण और न ही वसूली के लिए कोई आदेश जारी हुआ है। एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशन कार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।
अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराए जाने को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में हलचल है। विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जो अपात्र हैं वे अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दें। ऐसा न करने की स्थिति में उनसे वसूली भी हो सकती है। इसका परिणाम यह रहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने की होड़ मच गई। केवल अप्रैल माह में ही 43 हजार लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। मई माह में आंकड़ा इससे भी पार जाने की स्थिति में है।
रविवार को इस मामले में खाद्य आयुक्त ने स्पष्टीकरण जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह से आधार हीन है। प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय समय पर चलती है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है।
सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता या अपात्रता के संबंध में 07 अक्तूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी योजनांतर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन या गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता ह्रै।
नहीं की जा सकती है वसूली