मेलबर्न: विदेशों में भारतीय मूल का एक और शख्स नस्लीय हमले का शिकार हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के एक चर्च में भारतीय समुदाय के कैथोलिक पादरी का गला चाकू से रेत दिया गया. हमले के वक्त हमलावर ने कहा कि भारतीय होने के कारण वह प्रार्थना कराने के काबिल नहीं है. हमले के वक्त चर्च में प्रार्थना चल रही थी. हमला करने से पहले और बाद में हमलावर ने नस्लीय भाषा का भी इस्तेमाल किया था. ऐसे इसे इसे नस्लीय हमला माना जा रहा है.
बताया जा रहा है कि फॉक्नेर के सेंट मैथ्यूज पेरिश चर्च में इतालवी भाषा में होने वाली प्रार्थना सभा में एक व्यक्ति फादर टौमी कालाथूर मैथ्यू (48) के पास आया. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि आरोपी ने पादरी से कहा कि चूंकि वह एक भारतीय है तो वह या तो हिंदू होगा या मुसलमान और इसलिए वह प्रार्थनसभा करवाने के योग्य नहीं है.
वहां मौजूद एक श्रद्धालु मेलिना ने बताया, ‘चर्च के पीछे के हिस्से में काफी शोरगुल और हलचल मची हुई थी और तभी मैंने फादर टौमी को अपनी ओर आते देखा. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं उनकी गर्दन पर देख सकती हूं, क्योंकि उन्हें अभी चाकू मारा गया है.’
72 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया गया है उस पर बेतहाशा जख्मी करने के उद्देश्य से और जानबूझकर हमला करने के आरोप लगाए गए हैं. उसे ब्रॉडमीडोस मजिस्ट्रेट की अदालत में 13 जून को पेश होने के लिए जमानत मिल गई है. डिटेक्टिव सीनियर कांस्टेबल आर नोर्टन ने संवाददाताओं को बताया, ‘इस स्तर पर हमें लगता है कि यह एक अकेली घटना है और ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह लगता हो कि वह किसी और के लिए खतरा है.’
कैथोलिक आर्कडिओसी ऑफ मेलबर्न के प्रवक्ता शेन हीले ने इस घटना को भयानक करार दिया. उन्होंने कहा, ‘लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए. यह शख्स उल्लेखनीय कार्य कर रहा है और यह हमला अनेक कैथोलिक पादरियों द्वारा किए जा रहे महान कार्यों पर एक चोट है. हमले के बाद नॉर्दन हॉस्पिटल में भर्ती फादर टौमी के शरीर के उच्च्परी हिस्से में मामूली जख्म हैं लेकिन उनकी हालत स्थिर है.
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही अमेरिका में भारतीय इंजीनियर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोपी अमेरिकी नौसेना का पूर्व सैनिक कंसास का रहने वाला है.
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