पिथौरागढ़, नाचनी क्षेत्र में दाखिम गांव के कुरुवा तोक में 13 साल के किशोर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसका शव घर में फंदे से लटका मिला। ग्राम प्रधान ने बताया कि गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन नहीं मिलने के कारण उसने आत्मघाती कदम उठाया है। बच्चे के इस कदम से परिजन सदमे में हैं। हालांकि, पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद किशोर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। नाचनी क्षेत्र में दाखिम गांव के कुरुवा तोक निवासी दिनेश कुमार का 13 वर्षीय बेटा अंकित जूनियर हाईस्कूल दाखिम में सातवीं में पढ़ता था। रविवार शाम उसका शव घर में दुपट्टे से झूलता मिला।
ग्राम प्रधान ममता देवी ने बताया कि अंकित मोबाइल पर पबजी सहित अन्य गेम खेलने का आदी हो गया था। रविवार को उसकी मां गांव के अन्य लोगों के साथ राशन लेने गई थी और छोटा भाई गाय चराने जंगल गया था। शाम पांच बजे मां घर लौटी तो अंकित फंदे पर झूलता मिला। यह देख मां के होश उड़ गए। ग्राम प्रहरी राजेंद्र प्रसाद ने मामले की सूचना नाचनी थाना पुलिस को दी। प्रभारी थानाध्यक्ष कंचन कुमार पलड़िया ने मौके पर पहुंचकर फंदे से किशोर के शव को उतरवाया। घटना की सूचना पर पिता दिनेश कुमार भी पटियाला से सोमवार को घर पहुंच गए। मंगलवार को पिथौरागढ़ मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। थल घाट पर छात्र का अंतिम संस्कार किया गया। प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
अंकित को लॉकडाउन में लगी गेम खेलने की लत
नाचनी (पिथौरागढ़)। अंकित को लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन गेमिंग की लत लग गई थी। लॉकडाउन के दौरान पिता के घर पर आने पर अंकित को उनके मोबाइल पर गेम खेलने की लत लग गई थी। दाखिम की प्रधान ममता देवी के अनुसार अंकित के पिता दिनेश कुमार पहले पटियाल में किसी कंपनी में काम करते थे। कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान वह घर आ गए थे। इस बीच अंकित को पबजी सहित अन्य गेमों की लत लग गई। वह रोज अपने पिता के मोबाइल फोन पर गेम खेलता था। दिनेश कुमार चार-पांच दिन पूर्व ही नौकरी के लिए पटियाला लौटे थे। पिता के चले जाने के बाद अंकित गेम खेलने के लिए बेचैन रहने लगा। घर में फोन नहीं होने पर वह पड़ोसियों के घरों में जाकर गेम खेलने लगा लेकिन दूसरों का फोन अधिक समय तक नहीं मिलने से वह तनाव में आ गया। रविवार को जब मां राशन लेने बाजार गई थी तो उसने घर में पड़ी चुनरी का फंदा बनाकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। दो साल बाद नौकरी करने दोबारा पटियाला गए दिनेश को यह मनहूस खबर मिली तो वह सन्न रह गए।