हरदोई। न्यूज वाणी कछौना प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है जिससे सरकारी अस्पतालों को संसाधन युक्त एवं स्वच्छ बनाया जा सके।लेकिन ’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कछौना’ के परिसर में सीएचसी अधीक्षक की घोर लापरवाही एवं खाऊ-कमाऊ नीति के चलते मुख्य भवन के सामने कई महीनों से जमा कूड़े का अंबार सरकार के प्रयासों को मुंह चिढ़ा रहा है। तथा कई महीनों से जमा गंदगी के कारण इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महीनों से इकट्ठा कूड़ा व प्रसव के दौरान खून से सने कपड़े,इंजेक्शन, सीरिंज व प्रदूषित पट्टियों के जमा होने व ना उठने के कारण भयंकर दुर्गंध आती रहती है।जिससे यहां आने वाले मरीजों व उनके परिजनों पर संक्रामक रोगों का गंभीर खतरा लगातार मंडरा रहा है। परिसर में फैली गंदगी के कारण रात दिन मच्छरों का प्रकोप भी लगातार जारी है जिससे अस्पताल को आने वाले मरीज व उनके तीमारदार मलेरिया नामक बीमारी को अस्पताल प्रशासन की तरफ से सौगात के रूप में घर लेकर जा रहे हैं। उक्त संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश के बाद भी अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी व सीएचसी अधीक्षक इन सबसे बेखबर हालातों को नजरअंदाज करते हुए कान में तेल डालकर किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठे हैं। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं झाड़ू लगाकर पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी और भारत के नागरिकों को यह संदेश दिया की स्वच्छता अपनाकर गंदगी को दूर भगाएं। वहीं दूसरी ओर कछौना कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कई महीनों से लगा कूड़े का ढेर यह बता रहा है की प्रधानमंत्री के संदेश का अस्पताल प्रशासन व अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। जिसके चलते अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सीएचसी के हालात यह हैं की यहां आने वाले मरीजों को कूड़े के ढेर से आ रही दुर्गंध के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दो सप्ताह पूर्व सीएमओ डॉक्टर सुरेन्द्र कुमार रावत ने सीएचसी के संबंध में की गई कई शिकायतों के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान सीएमओ ने अस्पताल परिसर में फैली गंदगी को देखकर सीएचसी के अधीक्षक डॉक्टर विनोद साहनी को जल्द से जल्द सफाई कार्य कराने का निर्देश भी दिया था। साथ ही साथ मानव जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे कछौना कस्बे में व आस पास चल रहे झोलाछाप डाक्टरों के अवैधध्मानकविहीनध्अपंजीकृत क्लीनिकोंध्नर्सिंग होमों पर अविलंब जांच कर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। पर दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी सीएमओ के निर्देशों की अवहेलना करते हुए अधीक्षक विनोद साहनी द्वारा खाऊ कमाऊ नीति के चलते ना ही सीएचसी परिसर में लगे कूड़े के ढेर की साफ सफाई के संबंध में कोई ठोस कदम उठाया गया और ना ही अवैधध्मानकविहीन क्लीनिकध्नर्सिंग होम पर आवश्यक कार्रवाई की गई। वैसे तो लोग अस्पताल में रोगों का इलाज कराने आते हैं, पर उन्हें नहीं पता कि यहां अस्पताल प्रशासन व जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही एवं शिथिल कार्यशैली के कारण अनचाहे संक्रामक रोग उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं स यही नही ंसीएचसी परिसर में आए दिन आवारा कुत्ते और जानवरों का जमावड़ा भी लगा रहता है जोकि किसी ना किसी दिन भंयकर हादसे को जन्म दे सकता है।जिससे अस्पताल को आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों की सुरक्षा को लेकर संशय बना हुआ है। उक्त प्रकरणों के संदर्भ में सीएचसी अधीक्षक विनोद साहनी से जब उनका पक्ष जानने व अब तक किए गए प्रयासों के संबंध में संवाददाता ने दूरभाष पर बात करनी चाही तो अपनी घोर लापरवाही एवं कार्य शिथिलता को छिपाने के लिए वह उल्टा संवाददाता पर ही भड़क उठे और संवाददाता से कहने लगे कि तुम मुझे फोन करके परेशान करते हो मैं तुम पर एफआईआर करा दूंगा। संवाददाता ने जब इस पूर्ण प्रकरण एवं अधीक्षक द्वारा असंगत भाषाशैली के प्रयोग की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी को दी तो उन्होंने बताया कि जल्द ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में फैले कूड़े के ढेर को साफ करा दिया जाएगा। इस संबंध में सीएचसी के अधीक्षक को सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं। यदि जल्द सफाई ना कराई गई तो सीएचसी के जिम्मेदार अधिकारियों व अधीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर देश भर में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। पिछले कई सालों से इस महाअभियान में राज्य के नेताओं, मंत्रियों से लेकर विभागीय अधिकारी तक लगे हुए हैं। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इसका असर नगण्य है।तथा जिस क्षेत्र की सांसद और विधायक दोनों ही सत्ता पक्ष पार्टी के हों उस क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की असली हकीकत कुछ अलग ही बयां कर रही है जोकि विचारणीय होने के साथ साथ यह बताने के लिए काफी है कि स्वच्छ भारत अभियान का अस्पताल प्रशासन व अधिकारियोंध्अधीक्षक से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है। तथा सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में साफ सफाई को लेकर किए जा रहे बड़े बड़े दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।