शाहबाद में एक बार फिर से पाकड़(पेड़) से दस-दस के नोटों के बारिश होने लगी। नोटों को पेड़ से गिरता देख मौके पर अफरा-तफरी मच गई। बाद में पुलिस कर्मियों समेत तमाम लोगों ने नोटों को इकट्ठा कर लिया। कस्बे के मोहल्ला सादात निवासी हनीफ बर्फ विक्रेता हैं। सोमवार को वह रामपुर से बर्फ लेने के लिए जा रहे थे। रास्ते में उनके हाथ में प्लास्टिक की थैली में दस-दस के नोट की दस गड्डियां थीं। शाहबाद कोतवाली के सामने पाकड़ के पेड़ से अचानक एक बंदर उतरा और बर्फ विक्रेता हनीफ के हाथ से नोटों से भरी प्लास्टिक की थैली को लेकर पाकड़ पर चढ़ गया।
पाकड़ पर चढ़ जाने के बाद बंदर थैली को फाड़कर नोटों को ऊपर से बिखेरने शुरू कर देता है। पेड़ से रुपये के बरसने का नजारा देख वहां से गुजर रहा हर व्यक्ति स्तब्ध रह जाता है। इससे राहगीरों में अफरा-तफरी मच जाती है। इस दौरान तमाम लोग बरसते हुए नोटों को बीनने में लग गए।
बंदरों ने 1750 रुपयों के नोट फाड़ डाले
बाद में मामले की जानकारी पाकर कोतवाली से पुलिसकर्मी भी पहुंच जाते हैं। पुलिसकर्मी राहगीरों की मदद से बर्फ विक्रेता के रुपयों को इकट्ठा करते हैं और उसे सौंप देते हैंं। मामले को लेकर बर्फ विक्रेता हनीफ ने बताया कि उसके पास दस हजार रुपये थे। जिसमें से 1750 रुपए बंदरों ने फाड़ दिए।