बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली बड़ी जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की पुष्टि करती है, लेकिन पार्टी पर उनकी पकड़ बढ़ने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में असहमति का पूरा अभाव हो सकता है. सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक आलेख में कहा गया, ”इस पूरे चुनाव से प्रधानमंत्री की लोकप्रियता की पुष्टि हो गई है. इस चुनाव में उन्होंने कई भाषणों में खुद को और अपने कदमों को मुख्य मुद्दा बना दिया. उत्तर प्रदेश में मिली शानदार जीत जैसे नतीजे दिलाने की मोदी की काबिलियत से पार्टी के भीतर उनकी स्थिति और मजबूत होगी.”
आलेख के मुताबिक, ”इसका मतलब यह भी है कि नोटबंदी, जिसके बारे में पार्टी के भीतर बहुत कम राजनीतिक विमर्श किया गया, जैसी और नीतियां लागू की जा सकती हैं. मोदी वाकई मानते हैं कि वह भारत की कई समस्याओं का सर्वश्रेष्ठ समाधान दे सकते हैं.”
उत्तर प्रदेश चुनावों के बाद ग्लोबल टाइम्स में यह दूसरा आलेख है. बीते 16 मार्च के आलेख में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में मिली जीत से 2019 में सत्ता में वापसी की मोदी की संभावनाएं बढ़ गई हैं और इसके परिणाम भारत-चीन संबंध पर भी दिख सकते हैं, क्योंकि इससे चीन के प्रति ”कड़ा” रवैया अपनाने के लिए उनका मनोबल बढ़ सकता है. आलेख में यह भी कहा गया कि भाजपा में मोदी को मिली पूरी छूट से पार्टी में असहमति का अभाव हो सकता है.
आलेख में कहा गया, ”सामान्य तौर पर कहा जाए तो एक निर्णायक एवं आक्रामक नेता गलतियां भी करेगा. पार्टी की ओर से लगाम लगाने की कमी का नतीजा संभवत: यह होगा कि मोदी को अहम मुद्दों पर फैसले करने की पूरी छूट मिलेगी. भाजपा में असहमति के पूरे अभाव, जो कि भारत की सत्ताधारी पार्टी के लिए असामान्य है, का नतीजा यह होगा कि हर कोई उनके अधिकारों के आगे घुटने टेक देगा.”
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