सीकर में हर सुनवाई के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए एक वकील ने SDM कोर्ट में आग लगा ली। इस दौरान उसने SDM को गले लगाने का प्रयास किया। SDM उसे धक्का देकर भागे। इतने में उनके हाथ का कुछ हिस्सा जल गया।
गंभीर हालत को देखते हुए वकील को जयपुर रेफर किया गया था। उसके छोटे भाई लक्ष्मणराम ने बताया कि इलाज के दौरान SMS हॉस्पिटल में मौत हो गई। मामला सीकर के खंडेला का है। वकील के बैग में एक लेटर मिला है, जिसमें SDM राकेश कुमार पर हर केस के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया है।
रानौली थाना क्षेत्र के नांगल अभयपुरा का रहने वाला वकील हंसराज मावलिया (40) पिछले 10 साल से वकालत कर रहा था। गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे SDM राकेश कुमार अपने कार्यालय के अंदर चैंबर में बैठे थे। इसी दौरान बाहर हंसराज ने खुद को आग लगाई और अंदर आ गया। उसने ऑफिस का दरवाजा पहले ही बंद कर दिया था।
बहस की तारीख लेकर गया था
SDM राकेश कुमार ने बताया- गुरुवार को पंचायत समिति में जनसुनवाई थी। मैं जनसुनवाई में गया हुआ था। जनसुनवाई पूरी करके कोर्ट में आने के बाद हंसराज किसी मुकदमे में बहस करने को लेकर अगली तारीख लेकर गया था। कुछ समय बाद ही उसने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। कोर्ट के सभी दरवाजे बंद कर कर एसडीएम कोर्ट में जा घुसा। उस समय एसडीएम कोर्ट में एक अन्य वकील भी किसी मुकदमे में पैरवी कर रहा था।
अंदर घुसकर गेट बंद कर लिए
वकील को आग से घिरा हुआ देख कोर्ट में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने वकील को रोकने की कोशिश की, किंतु हंसराज एसडीएम के पास जा पहुंचा। आग इतनी भयंकर थी कि कोर्ट में चारों तरफ धुआं-धुआं हो गया। कोर्ट में मौजूद एक अन्य वकील का दम घुटने लगा, तब उसने बाहर जाने की कोशिश की। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची। आग पर काबू पाया गया और घायलों को खंडेला हॉस्पिटल ले जाया गया था।
बैग में मिला पेट्रोल और कीटनाशक
स्थानीय लोगों की मानें तो वकील हंसराज मावलिया कुछ दिनों से डिप्रेशन में था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मौके पर मावलिया के बैग से पॉलीथिन में पेट्रोल और कीटनाशक दवा की बोतल बरामद हुई है। एक लेटर भी मिला है, जिसमें एसडीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वकील ने लिखा है कि हर केस के लिए एसडीएम राकेश कुमार रिश्वत मांगते थे। सीकर SP कुंवर राष्ट्रद्वीप और DSP गिरधारी लाल शर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने वहां के अधिकारियों से जरूरी जानकारी ली।
आरोप बेबुनियाद
खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा- यदि सुसाइड नोट में मेरे बारे में कुछ ऐसा लिखा हुआ है, तो वह गलत है। वकील मेरे पास कभी नहीं आया और ना ही मैंने वकील को कुछ बोला है।