मैं जिंदा हूं, का सबूत लेकर घूम रहा शख्स दूल्हा बनकर एकल विवाह रचाने पहुंचा, पढ़िए पूरी ख़बर

 

 

वाराणसी से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। सिर पर सेहरा बांधे, शादी का पोशाक धारण करते हुए और गले में ‘मैं भी जिंदा हूं’ का पोस्टर लटकाएं दूल्हा शनिवार दोपहर चौबेपुर थाने पर पहुंच गया। समाधान दिवस पर शिकायतों की सुनवाई में जुटे सीओ और थानेदार के सामने अचानक दूल्हा एक प्रार्थना पत्र लेकर खड़ा हो गया और कहा कि एकल विवाह की अनुमति प्रदान की जाए।

इस वाकये से पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। प्रकरण समझने के बाद थाना प्रभारी ने एकल विवाह की अनुमित नहीं दी और दूल्हा बैरंग लौट गया।  छितौनी गांव निवासी संतोष मूरत सिंह के अनुसार उसे सरकारी अभिलेखों में मुर्दा घोषित कर दिया गया है। कई बार इसकी शिकायत दर्ज कराई और प्रशासनिक अधिकारियों के यहां पत्र भी दिया लेकिन अब तक मुझे वंचित रखा गया।

 

इसलिए प्रेम प्राप्ति के लिए एकल विवाह करना चाहता हूं। एकल विवाद के लिए शुक्रवार को विधिवत मांगलिक रस्म हल्दी, मटमंगरा भी किया था। थानाध्यक्ष अनिल मिश्रा ने बताया कि संतोष मूरत सिंह ने हनुमान मंदिर में एकल विवाह करने की अनुमित मांगी, इस प्रकरण को लेकर अनुमति नहीं दी गई।

 

संतोष मूरत सिंह की कहानी

कई एकड़ जमीन के मालिक संतोष वर्ष 2000 में फिल्म आंच की शूटिंग के लिए आए अभिनेता नाना पाटेकर के संपर्क में आए और उनके साथ मुंबई चले गए। नाना पाटेकर के घर रसोइए का काम करने के दौरान मुंबई में ही वर्ष 2003 में दलित युवती से शादी कर ली।  इस शादी को लेकर पट्टीदारों ने उनका विरोध किया और बाद में उनके मुंबई वापस होने पर ट्रेन विस्फोट में उनकी मौत की अफवाह फैलाकर जमीन अपने नाम करवा दी।
तेरहवीं की सूचना पर गांव पहुंचे संतोष को जमीन से बेदखल कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपने गले में मैं जिंदा हूं की तख्ती टांग ली और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध शुरू किया।
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