गाय की मृत्यु पर ब्यापार मण्डल अध्यक्ष ने किया अंतिम संस्कार, कहा- गाय हमारी माता हैं/ न्यूज़ वाणी संवाददाता सागर सोनी मोबाइल नंबर – 91 6390322164
छिवलहा/ फ़तेहपुर 14 जून सूखे की तबाही में खूंटे से खोल कर ‘अन्ना’ कर दी गायें और उनके बच्चे भूख और प्यास से तड़प कर मौत के मुंह समा रहे हैं या फिर किसी फल-सब्जी में मुंह मारने पर डंडे खा रहे हैं। इसकी बानगी छिवलहा कस्बा है। कई सालों से दैवी आपदा की मार से टूट चुके किसानों ने गायों और उनके बच्चों को छुट्टा कर दिया। बड़ी संख्या में मवेशियों को आजाद कर देने से क्षेत्र में अन्ना जानवरों की भरमार हो गई। कुछ चारे की तलाश में जंगलों की तरफ भटक गईं तो कई में ही घूमकर भूख मिटाने के लिए दुकानों में मुंह मारती और डंडा खाती हैं। छिवलहा कस्बे में गोशाला नहीं है। लिहाजा यहां सारी अन्ना गायें और उनके बच्चे सड़कों में विचरण करते रहते हैं। आधे-अधूरे पेट पर दिन-रात गुजारती हैं। अब भीषण गर्मी में हालात और बद्तर हो गए। खेत-खलिहान खाली होने पर गायों व बछड़े भूख और प्यास से दम तोड़ रहे हैं। छिवलहा में एक सप्ताह के अंदर दो मवेशियों की भूख और प्यास से मौत हो गई। सोमवार को छिवलहा प्राथमिक विद्यालय के पास भूख-प्यास की वजह से तड़पती गाय मौत के मुंहाने में है। उसे बचाने के लिए किसी ने हमदर्दी नहीं दिखाई। गो सेवा के नाम पर दम भरने वाले भी नदारद हैं। उधर,छिवलहा ब्यापार मण्डल अध्यक्ष कमलेश गुप्ता का कहना है कि पशुओं की देखरेख व रखरखाव का काम पशु विभाग का है। अब गाय मर रही हैं तो इसमें वह क्या कर सकते हैं?
बिना स्वार्थ के लोग इंसानी रिश्ता भी नहीं निभाते पशुओं की तो बात ही छोड़ दें ऐसे में उम्रदराज हो चुकी गायों या गोवंशों को लोग आवारा छोड़ देते हैं। यह मामला फ़तेहपुर जिले के छिवलहा कस्बे में प्राथमिक विद्यालय में दो दिन से मृत अवस्था मे गाय मिली। जहां छिवलहा ब्यापार मण्डल अध्यक्ष एवम छिवलहा चौकी प्रशासन ने गाय का अंतिम संस्कार किया।