हिंदू-मुसलमान के बीच अब ‘सरकारी’ दीवार, दंगे के बाद दुकानों से खरीदी बंद, मुसलमान होने पर नौकरी से निकाला…

 

खरगोन….यहां दंगों को 2 महीने बीत चुके हैं। 25 दिन के लंबे कर्फ्यू के बाद दुकानें खुल गई हैं। बाजार गुलजार हैं, लेकिन ‘भरोसा’ टूट चुका है। वे डरे हुए हैं। प्रशासन को भी पता है कि दंगों की राख में चिंगारी अब भी सुलग रही है। इस चिंगारी को रोकने के लिए सरकार ने हिन्दू और मुसलमानों के मोहल्लों के बीच कांक्रीट की मजबूत दीवार खड़ी कर दी है। कुछ तैयार हो गई हैं, कुछ हो रही हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में टूटते भरोसे की ये दीवारें अब इंसानियत को चिढ़ा रही हैं।

खरगोन के खसखसवाड़ी और जमींदार मोहल्ले के बीच 12 फीट की कांक्रीट वॉल खड़ी कर दी गई है। इसके ऊपर बॉर्डर वाली फेंसिंग भी लगी है, ताकि कोई इसे फांद न सके। इसके अलावा, संजय नगर में 2 जगहों पर और ब्राह्मणपुरी में भी बेरिकेड फिक्स कर दिए गए हैं। लोगों का दिल टटोलने की कोशिश की, तो जवाब मिला कि राख में चिंगारी अभी बाकी है।

सबसे पहले चलते हैं तालाब चौक….

यहीं हुआ था पथराव, जख्म अब भी गहरे हैं यहां

अप्रैल में इसी तालाब चौक में रामनवमी के जुलूस पर पथराव हुआ था। इसके बाद दंगे हुए थे। जब हम यहां पहुंचे तो मस्जिद के सामने स्थित आटा चक्की की घर – घर  आवाज थमी हुई थी। भीतर जाकर पूछा तो पता चला कि ये चक्की मोइनुद्दीन चलाते हैं।

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