रायबरेली। ऊँचाहार के बिजली विभाग के आला अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं ना कोई सत्ता का प्रभाव ना ही शासन का अघोषित बिजली की कटौती से आम जनमानस काफी परेशान है शिकायत कोई सुनने वाला नहीं है बिजली विभाग में बैठे हुए अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से परे हैं जनता की समस्याएं कोई सुनने वाला नहीं है लोग काफी परेशान हैं किसानों को धान रोपाई का समय हो गया है पर्याप्त बिजली ना मिलने से धान की फसल रोपाई बाधित है बिजली विभाग के तिराहा उपकेंद्र पर यदि कोई किसान या ग्राहक फोन करके जानकारी लेना चाहता है तो वहां बैठे कर्मचारी उससे अभद्रता पूर्ण बात करते हैं और समस्या का निदान किसी भी सूरत में नहीं होता है बताते चलें कि आज सुबह 4:00 बजे से बिजली गायब है दिन के 12:00 बज चुके हैं अभी तक बिजली की झलक भी नहीं मिली है यदि यही हाल रहा तो क्या होगा सरकार का और क्या आम जनमानस का किसान त्रस्त अधिकारी मस्त ऊँचाहार के अधिकारियों में ना किसी सरकार का भय है ना किसी आला अधिकारी का डर जनता मायूस है अपने में दिल और मन मसोसकर रह जाती है कि आखिर करें तो क्या करें और समस्या का निदान करें तो कौन करें यहां तो रामराज्य है नीचे से लेकर जिले तक के अधिकारी इस विषय पर सुनने व जवाब देने को तैयार नहीं है जय श्री राम का नारा है परेशान किसान बेचारा है।
(लाल जी शुक्ला) रायबरेली। के बिजली विभाग के आला अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं ना कोई सत्ता का प्रभाव ना ही शासन का अघोषित बिजली की कटौती से आम जनमानस काफी परेशान है शिकायत कोई सुनने वाला नहीं है बिजली विभाग में बैठे हुए अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से परे हैं जनता की समस्याएं कोई सुनने वाला नहीं है लोग काफी परेशान हैं किसानों को धान रोपाई का समय हो गया है पर्याप्त बिजली ना मिलने से धान की फसल रोपाई बाधित है बिजली विभाग के तिराहा उपकेंद्र पर यदि कोई किसान या ग्राहक फोन करके जानकारी लेना चाहता है तो वहां बैठे कर्मचारी उससे अभद्रता पूर्ण बात करते हैं और समस्या का निदान किसी भी सूरत में नहीं होता है बताते चलें कि आज सुबह 4:00 बजे से बिजली गायब है दिन के 12:00 बज चुके हैं अभी तक बिजली की झलक भी नहीं मिली है यदि यही हाल रहा तो क्या होगा सरकार का और क्या आम जनमानस का किसान त्रस्त अधिकारी मस्त ऊँचाहार के अधिकारियों में ना किसी सरकार का भय है ना किसी आला अधिकारी का डर जनता मायूस है अपने में दिल और मन मसोसकर रह जाती है कि आखिर करें तो क्या करें और समस्या का निदान करें तो कौन करें यहां तो रामराज्य है नीचे से लेकर जिले तक के अधिकारी इस विषय पर सुनने व जवाब देने को तैयार नहीं है जय श्री राम का नारा है परेशान किसान बेचारा है।