इंदौर में 14 साल की लड़की से 19 वर्षीय युवक के कथित तौर पर जबरिया बाल विवाह के साल भर बाद दूल्हे और मौलवी समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खजराना थाने के प्रभारी दिनेश वर्मा ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
वर्मा ने बताया कि बाल विवाह चार जुलाई 2021 को हुआ था और तब दुल्हन की उम्र 14 साल तथा दूल्हे की उम्र 19 साल थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को दर्ज एफआईआर में युवक पर शादी के बाद नाबालिग लड़की को उसके घर में बंधक बनाकर रखने और उसके साथ दुष्कर्म करने का भी आरोप है। वर्मा ने बताया कि एफआईआर में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के उल्लंघन के आरोपियों में निकाह पढ़वाने वाला मौलवी, दूल्हे की मां और निकाह के तीन गवाह शामिल हैं।
डरा-धमकाकर कराया निकाह
वर्मा ने बताया कि पुलिस ने बाल विवाह पीड़ित लड़की की एक अस्पताल में चिकित्सकीय जांच कराई है। प्रशासन के बाल विवाह निरोधक उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने कहा, ‘हमें शिकायत मिली थी कि दूल्हा पक्ष ने नाबालिग लड़की और उसके परिवार को डरा-धमकाकर इस जोड़े का जबरिया बाल विवाह कराया। बाल कल्याण समिति ने पीड़ित लड़की का बयान दर्ज किया है। हमने लड़की के बयान के आधार पर ही पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।’
दस्तावेज की जांच जारी
पाठक ने यह भी बताया कि इंदौर जिले की एक धार्मिक संस्था ने मामले से जुड़े निकाह का प्रमाणपत्र जारी किया था और बाल विवाह के खुलासे के बाद इस दस्तावेज की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है।