लखनऊ के गोमतीनगर में चेकिंग के दौरान युवती को डंडा मारने और आशियाना में आधी रात को कारोबारी के घर दबिश देने के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। बुधवार को सीएम के एक्शन में आते ही युवती को पीटने वाले सिपाहियों को निलम्बित कर दिया गया। वहीं कारोबारी के घर दबिश के मामले में सीएम ने जवाब-तलब करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने पुलिस को किसी भी रिहायशी इलाके में देर रात दबिश न देने के निर्देश भी दिए हैं।
गोमतीनगर में रहने वाली प्रगति पत्रकारपुरम स्थित रोटरी इंटरनेशनल के कार्यालय में नौकरी करती है। मंगलवार रात वह अपने सहकर्मी रिचांक तिवारी के साथ बाइक से एसआरएस मॉल जा रही थी। जनेश्वर मिश्र पार्क के पास स्टंटबाजों के खिलाफ चेकिंग अभियान चला रहे सिपाहियों ने रिचांक को रोकने के लिए डंडा चला दिया था। डंडा बाइक पर पीछे बैठी प्रगति के मुंह पर लग गया और उसकी नाक में गंभीर चोट आ गई। प्रगति ने इसका विरोध करते हुए घरवालों को बुला लिया था। बाद में समाज सेवी संस्था के लोग भी वहां पहुंच गए थे और प्रगति को साथ लेकर मुख्यमंत्री आवास जाकर शिकायत की थी। सीएम के संज्ञान लेने पर आरोपी सिपाहियों अंकित नागर और नोबेश नागर को निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा सीओ चक्रेश मिश्रा को विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। आशियाना में रहने वाले अरविंद सिंह के घर रविवार देर रात पुलिस ने दबिश दी। उस वक्त अरविंद घर पर मौजूद नहीं थे। पुलिस के दस्तक देने पर उनकी पत्नी अमिषा सिंह राना अपनी बेटी के साथ बाहर निकली और अरविंद के घर पर न होने की जानकारी दी। आरोप है कि इस पर पुलिस कर्मी गेट फांदकर जबरन घर में घुस आए और उन लोगों के साथ अभद्रता की। पुलिस ने उनके साथ गुण्डो जैसा सलूक करते हुए भद्दी भद्दी गालियां भी दी। अमिषा ने सीएम और डीजीपी को ट्वीट मले की शिकायत की थी। सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा होने पर पुलिस ने सफाई दी थी कि कोर्ट से अरविंद सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। लिहाजा पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी।
इंस्पेक्टर आशियाना जितेन्द्र प्रताप सिंह ने अभद्रता के आरोप से इनकार किया था। इस पर सीएम ने एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स को जांच के आदेश दिए हैं।