लड़की ने बेटे से किया डेट, बाप से रचाई शादी, कहीं देवर-भाभी बने पति-पत्नी, तो किसी ने बहू को बना लिया बीवी
अमेरिका में 27 साल की सिडनी डीन ने 51 साल के पॉल नाम के ट्रक ड्राइवर से शादी की। यह शादी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सिडनी 11 साल की उम्र से पॉल के बेटे को डेट कर रही थीं। बीच में दोनों का ब्रेकअप हो गया। इसके बावजूद दोनों अच्छे दोस्त बने रहे। इस दौरान सिडनी का पॉल के घर आना-जाना बना रहा। इसी दौरान सिडनी पॉल के करीब आ गईं। सिडनी 16 साल की उम्र से पॉल को डेट कर रही थीं। दोनों ने अब जाकर शादी की।
देवर-भाभी बने पति-पत्नी
साल 2020 में बिहार के सीतामढ़ी में संतोष साहनी नाम के देवर ने भाभी रंजीता के साथ थाने में शादी रचा ली। दरअसल, रंजीता और दिनेश साहनी की शादी 5 साल पहले शादी हुई थी, शादी के 3 साल बाद ही दिनेश की मौत हो गई। रंजीता को धीरे-धीरे देवर से प्यार हो गया। दोनों का प्यार इतना परवान चढ़ा कि इसकी खबर रंजीता के ससुराल वाले समेत गांव और समाज के लोगों को भी लग गई। देवर समाज के दबाव के कारण शादी करने से मना करने लगा। जिसके बाद रंजीता महिला थाने पहुंची, जहां दोनों परिवारों की सहमति से देवर और भाभी कर पति पत्नी बन गए।
ससुर बना पति
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। यहां एक शख्स ने पत्नी की मौत के बाद अपनी ही बहू के साथ शादी कर ली। बेटे की शिकायत के बाद बदायूं एसपी के सामने पूरा घटनाक्रम आया। बदायूं जिले के कस्बा बिसौली के गांव दबतरा के रहने वाले 45 साल के देवानंद की पत्नी की 2015 में मौत हो गई थी। उस समय देवानंद की उम्र करीब 39 साल थी। देवानंद को उसके परिजनों ने सुझाव दिया कि वो दूसरी शादी कर अपना घर बसा ले, लेकिन देवानंद ने उस समय अपने 15 साल के बेटे सुमित की शादी का फैसला लिया और 2016 में सुमित की शादी करा दी। शादी के छह महीने बाद सुमित की पत्नी की ससुर से नजदीकियां बढ़ गईं। पिता देवानंद ने 2017 में ऐसा कदम उठाया, जिसने सुमित की पूरी दुनिया ही उलट-पुलट कर दी। देवानंद ने बहू से कोर्ट मैरिज कर ली और दोनों संभल जिले में जाकर रहने लगे। उनका एक साल का बेटा भी है। हालांकि इस दौरान देवानंद अपने बेटों की जिम्मेदारी उठा रहा था।
सुरमा भोपाली को भी बहू की बहन से प्यार हुआ
क्या आपको बॉलीवुड के सुरमा भोपाली यानि जगदीप याद हैं। उन्हें भी अपनी बहू की बहन से प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली थी। बॉलीवुड में भी ऐसे रिश्तों पर फ़िल्में बनाई जाती है। लेकिन ऐसे रिश्ते एक अनसुलझी पहेली की तरह ही निभाए जा रहे हैं।
ऐसे रिश्ते को इंसेस्ट रिलेशनशिप कहते हैं
मनो सवांद की साइकोलोजिस्ट योगिता कादियान कहती हैं कि ऐसे रिश्ते को इंसेस्ट रिलेशनशिप या कौटुंबिक व्यभिचार कहते हैं। यानि जरूरत के हिसाब से रिश्ता बनाना या जबरदस्ती, दोनों ही सूरतों में इसका अलग-अलग असर होता है। ऐसे रिश्ते शॉर्ट और लॉन्ग दोनों होते हैं। जैसे देवर-भाभी की किसी भी वजह से शादी करा देना ये लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में आता है। कभी-कभी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी अनचाहे रिश्ते बनते हैं, जो शॉर्ट टर्म कहलाते हैं। ऐसे रिश्तों पड़ कर लड़कियों में अबला नारी वाली फीलिंग पैदा हो सकती हैं।
एक सिंड्रोम का शिकार हो जाती हैं महिलाएं
योगिता कहती हैं कि ये रिश्ते या तो मजबूरी में बनते हैं या फिर थोपे जाते हैं। कई मामलों में लड़कियों की मानसिक स्थिति बद से बदतर होती है। महिलाओं को भयानक सपने दिखने लगते या वो पीटीएसडी यानि पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस सिंड्रोम का शिकार हो जाती हैं। क्योंकि उसके साथ कोई सपोर्टिंग सिस्टम नहीं होता। परिवार के मुखिया के हिसाब से ही चलना होता है। गे कंडीशन में औरतों को वस्तु की तरह इस्तेमाल किया जाता है।