तालिबानी धमकियों के और भी शिकार, अमरावती के उमेश ही नहीं, 10 और लोगों को भी ‘सिर कलम’ करने की धमकी

 

राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में ‌BJP की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया में पोस्ट शेयर करने पर दो लोगों की हत्या पूरे देश में चर्चाओं में है। पिछले दिनों उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल और अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की तालिबानी तरीके से गला काट कर हत्या कर दी गई थी।

सामने आया है कि सिर्फ इन दोनों को ही नहीं, अमरावती में 8 और लोगों को नूपुर शर्मा के समर्थन में स्टेटस और पोस्ट लिखने पर जानलेवा धमकी मिली थी। इनमें से एक डॉक्टर, दो केमिस्ट, एक सरकारी कर्मचारी, एक मोबाइल शॉप ओनर और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। सिर्फ अमरावती ही नहीं, नागपुर और अकोला में भी नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर ‘सिर कलम’ करने की धमकी दी गई थी।

धमकी देने वालों ने सोशल मीडिया से ऐसे पोस्ट को तुरंत हटाने और माफीनामा का वीडियो जारी करने को कहा था। इनमें से कुछ फोन कॉल इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी इरफान शेख रहीम की NGO, यानी रहबर हेल्पलाइन से भी आए थे। खास बात ये है कि ये धमकियां कन्हैयालाल हत्याकांड से पहले दी गईं थीं, लेकिन ज्यादातर ने मामले को छिपाने का प्रयास किया। सिर्फ एक डॉक्टर ने इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस से की है।

जिन लोगों को नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लगाने पर जान से मारने की धमकी मिली थी, उनमें से एक अमरावती का मोबाइल शॉप ओनर भी है। इन्हें दी गई धमकी का एक ऑडियो भी सामने आया है।  मोबाइल शॉप के मालिक को खोज निकाला और इस पूरी घटना की सच्चाई सामने लाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि यह धमकी उन्हें 10 जून को नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट लगाने पर दी गई थी। उन्होंने अपने फोन पर सिर्फ 4 मिनट के लिए एक स्टेटस लगाया था और उसे 6 लोग ही देख पाए थे। इतने में उनका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया और उन्हें 30 से 40 धमकी वाले फोन आ गए।

आप भी पढ़िए दुकानदार और धमकाने वाले के बीच क्या बात हुई…

धमकाने वाला– आपने जो स्टेटस रखा है, उसके बारे में बात कर रहा हूं।

दुकानदार– वह गलती से हो गया।

धमकाने वाला– क्या आप की दुकान में आना पड़ेगा।

दुकानदार– भइया मैं आप से हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूं। मैं ऐसा आदमी नहीं हूं।

धमकाने वाला– आपको यह स्टेटस वॉट्सऐप पर डालना ही क्यों था?

दुकानदार (गिड़गिड़ाते हुए)– भाई साहब मेरी बात सुनिए न..किसी ग्रुप में मुझे यह आया था और मैंने उसे लगा दिया।

धमकाने वाला- अब सुनो, तुम को एक 20 सेकंड का वीडियो बनाना पड़ेगा और उसमें तुमने जो गुस्ताखी की है, उसके लिए माफी मांगनी पड़ेगी।

दुकानदार– ठीक भइया मैं माफी मांगता हूं।

(इस बीच बाबा नाम का एक दूसरा शख्स फोन लेकर उन्हें फिर से धमकाता है।)

बाबा– ये जो स्टेटस रखे… तुम गलत करे, तुम्हारी दुकान पर आना पड़ेगा क्या। हमने तुम्हारे धर्म के बीच में अभी तक बोले क्या?

दुकानदार (गिड़गिड़ाते हुए)- नहीं भइया, मैं आप से और पूरे समाज से हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूं…

बाबा- हमारे इस्लाम पर अगर बात आएंगी तो हम ‘गर्दन कटाने’ और ‘गर्दन काटने’ को भी नहीं डरते हैं।

बाबा- जैसा xyz राठी ने वीडियो क्लिप बनाया, वैसा ही क्लिप तुम बनाओ, हम उसे वायरल करेंगे।

धमकाने वाला- आइंदा से ऐसी गलती करना नहीं। मैं आ कर तुम्हारी दुकान पर मिलूं क्या?

दुकानदार- भइया मैं तीन-चार तस्वीरों को एक साथ लगा रहा था स्टेटस पर और गलती से यह वाली सेलेक्ट हो गई।

धमकाने वाला- अभी जल्दी से वीडियो बना और मेरे मोबाइल नंबर पर तुरंत डाल।

दुकानदार- ठीक है भइया..अभी लाइट नहीं है आने पर वीडियो बनाकर आधे घंटे में भेजता हूं।

शॉप ओनर बोला- पुलिस एक दो-दिन मदद करेगी, आगे क्या होगा

मोबाइल शॉप ओनर ने बताया कि इस घटना के बाद वे इतना डर गए कि अगले तीन दिन तक उन्होंने अपनी दुकान ही नहीं खोली। उन्होंने कहा, ‘मेरे वॉट्सऐप स्टेटस को साजिश के तहत वायरल किया गया। मैं और मेरा परिवार इतने डर गए कि हमने पुलिस के पास जाने का प्रयास नहीं किया। पुलिस एक-दो दिन मदद करेगी और हमें पूरी जिंदगी यहां रहना है, इसलिए मैंने इसकी रिपोर्ट नहीं की और आगे भी चाहता हूं कि मेरी पहचान छिपी रहे।’

आरोपियों ने ही वायरल की कॉल रिकॉर्डिंग

मोबाइल शॉप ओनर ने आगे बताया, ‘जो कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई है वह मैंने नहीं, बल्कि उन लोगों ने ही वायरल की है। मुझे पास के एक दुकानदार ने पूछा कि नूपुर शर्मा के समर्थन में कोई स्टेटस लगाया है? यह घटना 10 तारीख की थी और मुझे 11 तारीख से धमकी भरी कॉल आनी शुरू हो गई। इसके बाद मैंने दो दिन तक अपना फोन बंद रखा और 14 को जब फोन ऑन किया तो उस दिन भी कुछ धमकियां आईं थीं। जो मुझसे बात कर रहे थे, वे ही मेरी रिकॉर्डिंग को वायरल कर रहे हैं।’

माफी ‘एक्सेप्ट’ की, इसलिए शिकायत नहीं

दुकानदार ने आगे बताया, ‘मुझे यहां धंधा करना है और यहीं रहना है इसलिए मैंने पुलिस में कंप्लेंट नहीं की। हमारा मामला 25 दिन पुराना है और अब हमें तकलीफ नहीं है, इसलिए हम कोई कंप्लेंट नहीं करने जा रहे हैं। हालांकि, इस घटना की जानकारी मिलने के बाद 28 जून को क्राइम ब्रांच के लोग मेरे पास आए और उन्होंने मेरा बयान लिया है। मेरी माफी को उन्होंने मान लिया है, इसलिए अब कोई शिकायत कर मामले को आग नहीं बढ़ाना चाहता हूं।’

दुकानदार ने आगे बताया, ‘उन्होंने मुझे धमकियां दीं, गाली दी और जान से मरने को भी कहा। डर तो बहुत है, लेकिन परिवार के लिए दुकान पर आना ही पड़ता है।’

धमकियों से परेशान नागपुर के एक शख्स अंडरग्राउंड

अमरावती के इस मोबाइल शॉप ओनर की तरह ही नागपुर में भी कुछ लोगों को नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लगाने पर जान से मारने की धमकी मिली है। यहां के वर्धमान नगर इलाके में रहने वाले एक 22 वर्षीय एक युवक ने 14 जून को अपने इंस्टाग्राम पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डाली थी, जिसके तुरंत बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। इस पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाने के बावजूद उन्हें गला काटने की धमकी मिल रही थी। पीड़ित ने 15 जून को पुलिस थाने में शिकायत कराई। इसके बाद 17 जून को कुछ लोग उस युवक के घर पहुंचे। हालांकि, धमकियों से परेशान होकर इस युवक ने अपने माता-पिता के साथ नागपुर छोड़ दिया है।

हालांकि, नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा है कि पुलिस की इस मामले में पूरी तरह से नजर है और हर किसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है, घटना के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इसी वॉट्सऐप पोस्ट की वजह से उमेश की हत्या

इस बीच अमरावती के उमेश कोल्हे हत्याकांड में  वह वॉट्सऐप पोस्ट भी लग गई है, जिसके कारण उनकी गला काट कर हत्या हुई थी। जांच में सामने आया है कि इसी पोस्ट के स्क्रीन शॉट को डॉ. यूसुफ खान ने दूसरे ग्रुप्स और पर्सनल वॉट्सऐप पर शेयर किया था। कहा जा रहा है कि यूसुफ ने ही हत्याकांड के मुख्य आरोपी तक यह पोस्ट पहुंचाई और फिर एक साजिश के तहत 21 जून को उमेश की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में गिरफ्तार सभी आरोपियों को इरफान शेख ने पहले यह पोस्ट भेजी और फिर उन्हें उमेश को मारने के लिए तैयार किया था। इसके बदले में उन्हें 10-10 हजार रुपए देने का भी लालच दिया था।

 

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