कुर्बानी मंे बहुसंख्यक भाईयों की श्रद्धा का रखें ख्याल: कारी फरीद – कुर्बानी की फोटो सोशल मीडिया पर न करें शेयर

फतेहपुर। ईदुल अजहा एक अहम त्योहार है। जिसमें मुस्लिम समाज के लोग ख़ुलूस के साथ अपने जानवरों की क़ुर्बानी अल्लाह की बारगाह में पेश करते हैं। यह बात काज़ी-ए-शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कही। उन्होने कहा कि कुर्बानी पर अपने पड़ोसी यानी बहुसंख्यक भाइयों कीं श्रद्धा का पूरा ध्यान रखें। क़ुर्बानी के लिए प्रतिबंधित पशुओं का इस्तेमाल न करें। गैर प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी भी खुलेआम न करें। पर्दा व सफाई का ख्याल रखें। गोशत के आदान प्रदान मे भी बिरादराने वतन के ज़ज्बात का खास खयाल रखें।
काज़ी शहर श्री कादरी ने कहा कि क़ुर्बानी करते समय जानवर की फोटो लेकर मोबाइल के जरिए सोशल मीडिया पर शेयर न करें जिससे किसी के जज्बात को ठेस पहुंचे और अपनी बस्ती व शहर का अमन खराब हो। घरों पर की जाने वाली क़ुर्बानी का मलबा रोड पर न फेंके, बल्कि दफना दें या नगर पालिका की तरफ से जो भी इंतजाम किया जाएं उसका इंतजार करें। उन्होंने कहा कि अपने आस पास व शहर में आपसी भाईचारा बनाए रखें। ज़रूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन का साथ दें। ईदुल अज़हा की तीन दिनों मंे अल्लाह के नज़दीक क़ुर्बानी से बेहतर कोई अम्ल नहीं है इसलिए हर आकिल, बालिग साहिबे निसाब (मालदार) पर क़ुर्बानी वाजिब है। काज़ी शहर ने बताया कि ईदुल अज़हा का त्योहार 10 जुलाई रविवार को मनाया जाएगा।

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