अमेरिका के एल साल्वाडोर से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां को अपने ही बच्चे की हत्या के आरोप में 50 साल की सजा सुनाई गई है।
क्या था मामला
लेस्ली नाम की महिला पर आरोप है कि उन्होंने अपने नवजात की जान ली है। लेस्ली ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बच्चे का जन्म टॉयलेट में हुआ और डिलीवरी के वक्त नवजात पॉट में फिसल गया। पॉट में गिरने की वजह से बच्चे को चोट आई और उसकी मौत हो गई।
आनन-फानन में महिला को जब अस्पताल ले जाया गया तब उस पर नवजात की हत्या का आरोप लगा दिया गया। कोर्ट ने लेस्ली की दलीलों को स्वीकार नहीं किया और उसे 50 साल की सजा सुनाई। कोर्ट का मानना था कि नवजात के गले में 6 चोटें लगी थीं, जिस वजह से उसकी जान चली गई।
किन परिस्थितियों में हो सकता है अबॉर्शन
एल साल्वाडोर में रेप, नवजात का किसी डिसऑर्डर से पीड़ित होना या मां की जान का खतरा होने जैसी कुछ खास परिस्थितियों में ही अबॉर्शन कराने की अनुमति है। लेस्ली के केस में इनमें से कोई भी बात स्वीकार्य नहीं थी। इसलिए उसे अपराध माना गया।
कुछ अन्य मामले
22 मार्च, 2022
दिल्ली के चिराग दिल्ली इलाके में एक मां ने दो महीने की बेटी की गला घोंटकर इसलिए जान ले ली क्योंकि वह बेटी पैदा हुई थी। बच्ची को मारने के बाद लाश को माइक्रोवेव में छुपा दिया गया था।
12, फरवरी, 2022
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक मां ने अवैध संबंधों के चलते आठवीं बेटी पैदा होने के बाद उसे जमीन पर पटककर मार डाला और शव को गड्ढे में गाढ़ दिया।