मंदसौर गैंगरेप: बच्ची के पिता ने कहा- मुआवजा नहीं आरोपियों को फांसी दो

मध्य प्रदेश के मंदसौर में निर्भया जैसी दरिंदगी से पीड़ित सात वर्षीय स्कूली छात्रा की हालत अब खतरे से बाहर है। सरकारी अस्पताल में सर्जरी के बाद उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। इस बीच राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार से मिले मुआवजे को ठुकराते हुए पीड़ित पिता ने कहा है कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए और वह सिर्फ आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं। एमवाईएच के अधीक्षक वीएस पाल ने संवाददाताओं को बताया, बच्ची की हालत खतरे से बाहर है। उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्ची की सेहत पर एमवाईएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बराबर नजर रख रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर निजी क्षेत्र के दो बाल शल्य चिकित्सकों की सलाह भी ली जा रही है, ताकि बच्ची के इलाज में कोई कोर-कसर न रहे।एमवाईएच अधीक्षक ने बताया, हमने बच्ची को अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर दिया है। बच्ची पूरी तरह होश में है और अपने माता-पिता से बात भी कर रही है। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची के घाव भर रहे हैं और उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने में कम से कम दो हफ्ते का समय लगेगा। फास्ट्र ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई : चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंदसौर रेप मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। दरिंदों को फांसी हो इसके लिए पुलिस को पूरी तैयारी के साथ मामला कोर्ट के समक्ष रखने को कहा है। पीड़ित लड़की मध्य प्रदेश की बेटी है, उसके उपचार और शिक्षा की चिंता मध्यप्रदेश सरकार करेगी। शनिवार को हरिद्वार के हरिहर आश्रम पहुंचने के पर यह बात उन्होंने मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि मंदसौर की घटना मानवता के नाम पर कलंक है। अपराधी तत्काल पकड़ लिए गए थे। सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों की करतूतें कैद हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए शनिवार को ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राज्य के विधि मंत्री रवि शंकर को कहा गया है।

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