मनुष्य के मन मस्तिष्क का विकास संस्कृत भाषा से ही संभव हैं ।

           न्यूज़ वाणी संवाददाता अवधेश कुमार दुबे 

मनुष्य के मन मस्तिष्क का विकास संस्कृत भाषा से ही संभव हैं । डॉ यीश नारायण द्विवेदी उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचलित संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा के अन्तर्गत दिनांक 20 जुलाई 2022 को बौद्धिकसत्र का आयोजन हुआ । मुख्यवक्ता डॉ ईश नारायण द्विवेदी प्रोफेसर सदानन्द डिग्री कॉलेज छिवलहा फतेहपुर, संस्कृतभारती फतेहपुर संयोजक
ने कहा कि आकाश में बहुत सारे नक्षत्र हैं सभी नक्षत्रों से कमल का विकास नहीं होता पर प्रकाश नहीं होता केवल एक नक्षत्र सूर्य से ही कमल का विकास होता है, उसी प्रकार विश्व में अनेक भाषाएं हैं किंतु व्यक्ति के हृदय कमल का विकास संस्कृत भाषा से ही संभव है । अतः संस्कृत संभाषण द्वारा संस्कृत व्याकरण में प्रवेश, संस्कृत व्याकरण द्वारा संस्कृत ग्रंथों में प्रवेश, संस्कृत ग्रंथों को पढ़कर भारतीय संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान परंपरा को जानकर उसे अभ्यास तथा व्यवहार में लाकर उसी परंपरा का निर्वहन कर सकें इसके लिए हम सभी को जागरूकता पूर्वक संस्कृत संभाषण पढ़ना चाहिए । प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र ने संस्थान के पाठ्यक्रम की विशिष्टता बताते समग्र योजना के विषय में बताया। प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी ने कहा कि संस्कृत व्याकरण , साहित्य इत्यादि में विषय के रूप में , कर्मकांड, ज्योतिष आयुर्वेद इत्यादि में स्रोत के रूप में हैं । तथा परस्पर संवाद व लिपि में भाषा के रूप में विद्यमान हैं यदि भाषाध्ययन अच्छे से किया जाए तो तीनों रूपों को भली भांति अध्ययन अध्यापन चिन्तन मनन सम्भव हैं। प्रशिक्षिका स्तुति गोस्वामी ने कक्षा शिक्षण के इतिवृत्त उपस्थापित किया। प्रशिक्षक शिव प्रताप मिश्र ने संस्थान के निदेशक आइएएस पवन कुमार अध्यक्ष डॉ वाचस्पति मिश्र प्रशासनिक अधिकारी दिनेश मिश्र सर्वेक्षिका डॉ चन्द्रकला शाक्या इत्यादि के मार्गदर्शन को प्रशंसित करते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में वैदिक मंगलाचरण ज्ञानेश्वर जी ने व सरस्वती वन्दना से प्रीति महोदया ने प्रस्तुत किया। समस्त अतिथियों का वाचिक स्वागत एवं परिचय शिक्षिका डॉ स्तुति गोस्वामी के द्वारा किया गया । कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के प्रशिक्षक गणेश दत्त द्विवेदी के द्वारा किया गया ।इस अवसर पर धनुषा देसाई ,आशुतोष बाजपेई, हृषिकेश झा आदि छात्रों ने अपना अनुभव व्यक्त किया तथा राधिका महोदया ने संस्कृत गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर 80 से अधिक संख्या में प्रतिभागी एवं संस्थान के पदाधिकारी संस्कृत अनुरागी सुधी जन संस्थान के प्रशिक्षक तथा समस्त छात्र उपस्थित रहें।
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