पत्रकार से लिखने बोलने की आजादी छीनने का हक किसी को नहीं : सुप्रीम कोर्ट

 

न्यूज़ वाणी

पत्रकार से लिखने बोलने की आजादी छीनने का हक किसी को नहीं : सुप्रीम कोर्ट 

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ ने उत्तरप्रदेश के एएजी गरिमा प्रसाद की इल्तिजा पर कि ज़ुबैर को आगे ट्वीट करने से रोका जाए, साफ़ कहा, “यह एक वकील से यह कहने जैसा होगा कि उसे बहस नहीं करनी चाहिए। हम एक पत्रकार से कैसे कह सकते हैं कि वह एक शब्द भी नहीं लिखेगा या नहीं बोलेगा?”

निष्पक्ष, निर्भीक लिखो और बोलो, डंके की चोट पर, तब ही रहेगा कलम का मान और पत्रकार होने का अभिमान।

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